Last Updated: Friday, September 14, 2012, 19:40

नई दिल्ली : विदेशी विमानन कंपनियां अब भारत की नागर विमानन सेवा कंपनियों में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी ले सकती हैं। इससे नकदी के संकट से जूझ रहे विमानन कंपनियों को जबरदस्त प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
विमानन क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय की उम्मीद में शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार में किंगफिशर का शेयर 7.88 प्रतिशत, स्पाइसजेट का शेयर 4.39 प्रतिशत और जेट एयरवेज का शेयर 1.97 प्रतिशत की बढ़त लेकर बंद हुआ।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विदेशी एयरलाइंस को घरेलू एयरलाइंस में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी।
बैठक के बाद नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ मंत्रिमंडल ने विदेशी एयरलाइंस को भारतीय विमानन कंपनियों में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया।’’ वर्तमान एफडीआई नियमों के तहत गैर- विमानन क्षेत्र के विदेशी निवेशकों को भारतीय विमानन कंपनियों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति है, लेकिन विदेशी एयरलाइंस को घरेलू विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी लेने की अनुमति नहीं थी।
उल्लेखनीय है कि विमान ईंधन पर अत्यधिक कर, बढ़ते हवाईअड्डा शुल्क, महंगे ऋण, खराब ढांचागत सुविधाओं और गलाकाट प्रतिस्पर्धा के चलते ज्यादातर भारतीय विमानन कंपनियां घाटे में चल रही हैं।
इंडिगो को छोड़कर सभी विमानन कंपनियों को बीते वित्त वर्ष में घाटा हुआ। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 14, 2012, 19:40