Last Updated: Sunday, April 21, 2013, 14:54
वाशिंगटन : विश्वबैंक ने एक महत्वाकांक्षी एजेंडा तय करते हुए 2030 तक अतिशय गरीबी उन्मूलन की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है।विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम यॉन्ग किम ने कल यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम अब पूरी तरह गरीबी मुक्त दुनिया का सपना तो नहीं देख रहे हैं। लेकिन अतिशय गरीबी उन्मूलन के लिये हमने तारीख तय कर ली है। दुनिया भर के नेताओं की प्रतिबद्धता, सहयोग और विचारों के माध्यम से हमें उम्मीद है कि इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा।’’ विश्व बैंक की इस प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हुए उसकी 25 सदस्यीय विकास समिति ने कहा है कि 1.25 डालर प्रतिदिन से कम पर जीवनयापन करने वाले लोगांे का आंकड़ा 2030 तक 3 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य विकासशील दुनिया में मजबूत वृद्धि हासिल कर ही प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिये यह जररी है कि यह आर्थिक वृद्धि ऐसी होनी चाहिये जो कि गरीबी कम करने में काफी मददगार हो।
उल्लेखनीय, है कि भारत में दुनिया के एक-तिहाई गरीब रहते हैं। विश्व बैंक द्वारा इसी सप्ताह अत्यधिक गरीबी पर जारी एक विश्लेषण के अनुसार हाल में हुई प्रगति के बावजूद अनुसार दुनिया में अभी भी 1.2 अरब लोग बेहद गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं। उप.सहारा अफ्रीकी क्षेत्र में दुनिया के बेहद गरीबी में जीवनयापन करने वाले कुल लोगों के एक तिहाई से ज्यादा लोग रहते हैं।
किम ने कहा, ‘‘मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि दुनिया एक पीढ़ी के दौरान अतिशय गरीबी को समाप्त कर सकती है। लेकिन हम अकेले यह काम नहीं कर सकते। इसके लिए सभी का ध्यान, नवप्रवर्तन और प्रतिबद्धता जरूरी है। यदि हम मिलकर यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं, तो यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।’’ समिति ने विश्व बैंक समूह से अपने सभी ग्राहक देशों के प्रति प्रतिबद्धता बनाये रखने को कहा है। समिति ने कहा है कि विश्व बैंक को उन देशांे और क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना चाहिए जहां गरीबी सबसे ज्यादा है। समिति ने यह भी कहा है कि यह लक्ष्य पर्यावरण को बाधित किए बिना हासिल किया जाना चाहिए।
किम ने कहा, ‘‘हमारी मौजूदा और भविष्य की पीढ़ी के कल्याण के लिए जरूरी है कि धरती का भविष्य संरक्षित किया जाए। सामाजिक समावेश सुनिश्चित किया जाये और भविष्य की पीढी पर पड़ने वाले रिण बोझ को सीमित रखा जाये।’’ समिति ने कहा है कि ऐसा निवेश जो सभी नागरिकों के लिए अवसरों का सृजन करता है और समानता को बढ़ावा देता है, वह काफी महत्वपूर्ण है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 21, 2013, 14:54