वेदांता की नियामगिरी परियोजना फिर खटाई में

वेदांता की नियामगिरी परियोजना फिर खटाई में

नई दिल्ली: ओडिशा की नियामगिरी पहाड़ी में वेदांता की बॉक्साइट खनन परियोजना एक बार फिर खटाई में पड़ गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने वेदांता से जनजातीय आबादी के धर्म तथा संस्कृति संबंधी पहलुओं को समझने के लिए ग्रामसभा के पास जाने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की वन पीठ ने कहा कि ग्राम सभा तीन माह में क्षेत्र में डोंगारिया कोंध जनजाति के धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं का अध्ययन करने के बाद निर्णय लेगी। इसके बाद वेदांता केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री के पास जाएगी, जो इस परियोजना के दूसरे चरण की मंजूरी के लिए दो माह में निर्णय लेगी।

न्यायालय का आदेश इस बात को ध्यान में रखते हुए आया है कि क्षेत्र की जनजातीय आबादी नियामगिरी पहाड़ी की चोटी पर पूजा करती है।

न्यायालय का निर्णय केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के वर्ष 2010 के आदेश के खिलाफ ओडिशा खनन निगम तथा वेदांता की याचिका पर सुनवाई के बाद आया है। केंद्रीय मंत्रालय ने वर्ष 2010 में परियोजना के दूसरे चरण को मिली मंजूरी यह कहते हुए रद्द कर दी थी कि इससे वर्ष 2008 में मिली मंजूरी की शर्तो का उल्लंघन होगा। (एजेंसी)

First Published: Thursday, April 18, 2013, 16:16

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