वैश्विक नरमी के चलते जून में निर्यात 5.45% घटा

वैश्विक नरमी के चलते जून में निर्यात 5.45% घटा

नई दिल्ली : पश्चिमी बाजारों में छाई मंदी से देश का निर्यात जून महीने में 5.45 प्रतिशत घटकर 25 अरब डालर रह गया। यह लगातार दूसरा महीना है जब निर्यात में कमी आयी है।

इसी तरह, समीक्षाधीन माह में आयात 13.46 प्रतिशत की तेज गिरावट के साथ 35.37 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि एक साल पहले जून में देश ने 40.8 अरब डालर का आयात किया था। इससे व्यापार घाटा कम होकर 10.3 अरब डालर पर आ गया। आयात में कमी घरेलू अर्थव्यवस्था में नरमी को परिलक्षित करती है।

देश के निर्यात में ऐसे समय गिरावट आयी है जब 2011-12 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर नौ साल के निम्न स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गयी। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में औद्योगिक उत्पादन भी कमजोर रहा।
भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष रफीक अहमद ने कहा, मुख्य रूप से वैश्विक मांग में कमी तथा विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट के कारण निर्यात में कमी आयी है।

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में निर्यात 1.7 प्रतिशत घटकर 75.2 अरब डॉलर रहा जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 76.5 अरब डॉलर था। वाणिज्य सचिव एस आर राव ने कहा है कि यूरो क्षेत्र के देशों, अमेरिका, चीन तथा जापान के बाजारों में अच्छी वृद्धि नहीं देखी जा रही है और यह वैश्विक मंदी का संकेत है। बीती तिमाही के दौरान आयात 6.10 प्रतिशत घटकर 115.25 अरब डॉलर पर आ गया जो 2011.12 की इसी तिमाही में 122.74 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन तिमाही में व्यापार घाटा 40 अरब डालर रहा।

बहरहाल, विशेषज्ञों ने व्यापार घाटा कम होने को लेकर राहत जतायी है। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ राकेश मोहन जोशी ने कहा, व्यापार घाटा कम हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले महीनों में यह नियंत्रण में होगा। मुख्य रूप से हस्तशिल्प, जूट, चाय तथा काजू जैसे क्षेत्रों में निर्यात में गिरावट देखी गयी है।

जिन प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि हुई है, उनमें चावल (104 प्रतिशत), लौह अयस्क (40 प्रतिशत), ऑयल मील (38 प्रतिशत) तथा मसाला (35 प्रतिशत) शामिल हैं। मूल्य के संदर्भ में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 12.9 अरब डॉलर रहा।

वहीं इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 14.6 अरब डॉलर, रत्न एवं आभूषण 10 अरब डॉलर रहा। औषधि तथा रेडिमेड परिधान में अच्छी वृद्धि दर्ज की गयी।

अप्रैल-जून अवधि में तेल आयात 41.58 अरब डॉलर का रहा जो बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में हुए 39.42 अरब डॉलर रहा था। जिन अन्य क्षेत्रों में आयात में वृद्धि हुई है, उसमें रत्न एवं चांदी (9.4 अरब डॉलर), मशीनरी (8.5 अरब डॉलर), इलेक्ट्रानिक्स (7.1 अरब डालर) हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 1, 2012, 18:47

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