Last Updated: Tuesday, April 9, 2013, 12:47

नई दिल्ली : दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर हर साल 4 से 5 करोड़ टन इलेक्ट्रानिक अपशिष्ट या ई-कचरा पैदा होता है जिसमें से भारत की हिस्सेदारी केवल 8 लाख टन है। आइएफसी तथा एटेरो के एक कार्यक्रम में सिब्बल ने यह बात कही।
ई-कचरे में वैसे इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रानिक उपकरण आते हैं जिसे फेंक दिया गया है। उन्होंने पश्चिमी दुनिया की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी रूचि केवल भारत के साथ व्यापार करने की है। उन्हें दुनिया के अन्य भागों में उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले पर्यावरण प्रभाव के प्रबंधन के महत्व को समझना चाहिए।
सिब्बल ने कहा, ‘पश्चिमी देश उदारीकरण और वैश्विक व्यापार को प्रोत्साहित करते हैं। वे दुनिया के अन्य देशों को शुल्क बाधाएं कम करने के लिये समझाते हैं ताकि वह भारत को अपने उत्पाद निर्यात कर सके।’ उन्होंने कहा, ‘करीब 90 प्रतिशत उपकरण बाह से आयातित हैं और उन्हें यहां एसेंबल किया जाता है। वास्तव में कोई वास्तविक घरेलू (इलेक्ट्रानिक्स) विनिर्माण उद्योग नहीं है।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 9, 2013, 12:47