Last Updated: Wednesday, January 2, 2013, 20:29

मुंबई : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनियों द्वारा शेयरों की पुनखर्रीद के मौजूदा नियमों में बदलाव का प्रस्ताव किया है। नए नियमों के तहत कंपनियों को शेयरों की वापस खरीद तीन माह में पूरी करनी होगी और उन्हें पुनखर्रीद लक्ष्य का कम से कम 50 फीसद पूरा करना होगा।
इन प्रस्तावों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ गंभीर कंपनियां ही शेयर पुनखर्रीद कार्यक्रम शुरू करें। इससे निवेशकों के हितों के संरक्षण में मदद मिलेगी। बाजार नियामक ने प्रस्ताव किया है कि कंपनियों के लिए पुनखर्रीद लक्ष्य का कम से कम 50 फीसद पूरा करना अनिवार्य किया जाए। साथ ही शेयरों की वापस खरीद का कार्यक्रम शुरू होने के तीन माह में पूरा किया जाए। अभी शेयर पुनखर्रीद की अवधि 12 माह की है।
सेबी के परिचर्चा पत्र में कहा गया है कि प्रस्ताव है कि कंपनियों को पुनखर्रीद कार्यक्रम सिर्फ तीन माह में पूरा करना होगा। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ गंभीर कंपनियां ही शेयर पुनखर्रीद कार्यक्रम शुरू करें। इसके लिए कंपनियों को प्रस्तावित अधिकतम राशि का 25 फीसद एस्क्रो खाते में जमा कराना होगा। सेबी ने ‘खुले बाजार से पुनखर्रीद के मौजूदा ढांचे में प्रस्तावित संशोधनों’ संबंधी परिचर्चा पत्र पर अंशधारकों से 31 जनवरी तक विचार मांगे हैं।
बाजार नियामक ने पुनखर्रीद नियमों को कड़ा करने का प्रस्ताव करते हुए कहा है कि जो कंपनियां लक्षित शेयरों की वापस खरीद नहीं कर पाती हैं उन्हेंह एक साल तक पुनखर्रीद कार्यक्रम से प्रतिबंधित कर दिया जाए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 2, 2013, 20:29