शेयर बाजारों में 3 सप्ताह की गिरावट के बाद उछाल

शेयर बाजारों में 3 सप्ताह की गिरावट के बाद उछाल

मुम्बई : देश के शेयर बाजारों में लगातार तीन सप्ताह की गिरावट के बाद तेजी दर्ज की गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स आलोच्य अवधि में 2.13 फीसदी या 358.74 अंकों की तेजी के साथ 17,197.93 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स पिछले सप्ताह 319.25 अंकों की गिरावट के साथ 16,839.19 पर बंद हुआ था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य सप्ताह में 2.27 फीसदी या 115.85 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 5,215.70 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह निफ्टी 105.25 अंकों की गिरावट के साथ 5,099.85 पर बंद हुआ था।

आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में लगभग तीन फीसदी तेजी रही। मिडकैप 3.14 फीसदी या 185.03 अंकों की तेजी के साथ 6072.53 पर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप 2.96 फीसदी या 188.10 अंकों की तेजी के साथ 6,545.70 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे एनटीपीसी (8.66 फीसदी), भेल (7.88 फीसदी), सिप्ला (7.17 फीसदी), एलएंडटी (4.72 फीसदी) और सन फार्मा (4.71 फीसदी)।

सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (3.44 फीसदी), कोल इंडिया (2.76 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.39 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (0.64 फीसदी) और टाटा स्टील (0.59 फीसदी)।

गत सप्ताह बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। बिजली (4.97 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (4.70 फीसदी), रियल्टी (4.38 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (4.28 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.47 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा जारी होने के एक दिन पहले सोमवार को देश की आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया और महंगाई तथा वित्तीय घाटा बढ़ने की आशंका जाहिर कर दी।

आरबीआई ने आर्थिक और मौद्रिक विकास पर तिमाही रिपोर्ट में मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास के पूर्वानुमान को घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया। इससे पहले उसने अप्रैल में विकास दर के 7.2 फीसदी रहने की सम्भावना जाहिर की थी।

आरबीआई ने कहा, देश का आर्थिक परिदृश्य कमजोर है। अनिश्चित वैश्विक आर्थिक स्थिति के बीच सुस्त विकास, ऊंची महंगाई दर, चालू खाता घाटा और वित्तीय घाटा तथा निवेश घटने से अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में देश की विकास दर छह फीसदी से 6.5 फीसदी के बीच रहने की सम्भावना है। उन्होंने साथ ही कहा कि विकास दर के आठ फीसदी के पास पहुंचने में कम से कम दो साल लग जाएंगे। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 4, 2012, 19:10

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