शेयर बाजार ने गोता खाया, रुपया भी चित्‍त - Zee News हिंदी

शेयर बाजार ने गोता खाया, रुपया भी चित्‍त



मुंबई : देश के वित्तीय गलियारों में खराब आर्थिक परिदृश्य की काली छाया आज एक बार फिर मंडराती नजर आई जबकि बिकवाली दबाव में सेंसेक्स 16,000 के मनोवज्ञानिक स्तर से नीचे चला गया और रपया भी रिकार्ड स्तर तक लुढ़क गया। यूनान के साथ यूरो मुद्रा क्षेत्र का संकट गहराने और घरेलू अर्थव्यवस्था के समक्ष कठिनायियों के बीच बुधवार को शेयर बाजार में निवेशकों की घबराहट बढ़ गई और मुंबई शेयर बाजार का मुख्य सूचकांक सेंसेक्स लुढ कर एक समय 16,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गया था। अंत में यह थोड़ा सुधर कर बंद हुआ।

 

वहीं, यूरो क्षेत्र का संकट और गहराने की आशंका से डॉलर के मुकाबले आज भारतीय रुपया के नीचे की जमीन खिसक गई। बाजार बंद होने के समय रुपया 54.56 प्रति डालर के भाव पर ठिका जो इसा अब तक का न्यूनतम बंद भाव है। वहीं, तीस शेयरों वाला सेंसेक्स कुल मिला कर 298.16 अंक की गिरावट के साथ 16,030.09 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 84.55 अंक टूटकर 4,858.25 अंक पर बंद हुआ। यूनान में राजनीतिक परिदृश्य खराब होने से वैश्विक शेयर बाजारों में आई गिरावट का भी स्थानीय बाजार पर असर पड़ा।

 

यह सब ऐसे दिन हुआ जबकि वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी संसद में अलोकप्रिय मितव्ययता के कदमों के प्रति आगाह कर रहे थे। बीएसई का तीस शेयर आधारित सेंसेक्स आज 298.16 अंक टूटा और निवेशकों को बाजार मूल्य के हिसाब से 77,000 करोड़ रुपये का चूना लगा। बाजार भर में 1700 से अधिक शेयरों में गिरावट आई।

 

यूरो क्षेत्र में जारी संकट के बीच वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट का असर यहां भी देखने को मिला और निवेशकों ने बाजार से हाथ खींच लिए। घरेलू बाजार में बिकवाली दबाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूचकांक आधारित 30 में से 28 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। टाटा मोटर्स का शेयर सबसे अधिक 7.34 प्रतिशत टूटा। अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया कारोबार के दौरान 54.56 रपये के रिकार्ड स्तर तक लुढने के बाद अंतत: 54.50 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ। कई कारणों के चलते रपये दबाव में है और इसमें गिरावट से आयात लागत बढ़ती जा रही है।

 

बिगड़ते वैश्विक आर्थिक हालात से चिंतित मुखर्जी ने घोषणा की कि सरकार कठिन वित्तीय परिस्थिति से निपटने के उद्देश्य से जल्द ही खर्चों में कमी करने के ‘अलोकप्रिय’ मितव्ययता उपायों की शुरुआत करेगी। मुखर्जी ने राज्यसभा में इसकी घोषणा की हालांकि आश्वस्त भी किया कि इसमें घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत आर्थिक विकास के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ रहा है। राज्यसभा में वित्त विधेयक 2012 पर चर्चा का उत्तर देते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के उंचे दाम के बीच कठिन परिस्थिति से निपटने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की चाल तेज करने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.9 प्रतिशत रह गई। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 28 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि बजाज आटो और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज बढ़त लेकर बंद होने में कामयाब रहे।

 

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बाजार में गिरावट का श्रेय यूरो संकट एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय कारकों को दिया। उन्होंने राज्यसभा को बताया कि सरकार मितव्ययिता के कुछ उपाय करेगी भले ही लोग इसे पसंद करें या नापसंद करें। उनके इस बयान से सेंसेक्स अंतिम पहर करीब 50 अंक सुधर गया।

 

बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में आज करीब 300 अंक की गिरावट से सेंसेक्स में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्य में 77,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई। वहीं, रुपये में आ रही भारी गिरावट के मद्देनजर अब वैश्विक खरीदारों ने भारतीय निर्यातकों पर उनके द्वारा भेजी गई खेप पर छूट के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

(एजेंसी)

First Published: Thursday, May 17, 2012, 09:55

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