Last Updated: Sunday, December 11, 2011, 06:36
नई दिल्ली: शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि इस सप्ताह शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। सप्ताह के दौरान जारी किए जाने वाले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक मासिक मुद्रास्फीति के आंकड़े और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की समीक्षा रपट आने वाली हैं जिसका बाजार को इंतजार है।
बोनान्जा पोर्टफोलियो की वरिष्ठ शोध विश्लेषक शानू गोयल ने कहा कि इस सप्ताह घरेलू बाजार में हलचल रहेगी। आईआईपी आंकड़े, नवंबर का मासिक मुद्रास्फीति आंकड़ा और मौद्रिक नीति की घोषणा की जाने वाली है। अनुमान है कि बाजार में गिरावट का रुझान के साथ उतार चढ़ाव रहेगा। आईआईपी आंकड़े 12 दिसंबर को, नवंबर की मासिक मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 दिसंबर को, कंपनियों की ओर से अग्रिम कर की किस्तों के आंकड़े 15 दिसंबर को आएंगे। रिजर्व बैंक 16 दिसंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा।
सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष की वृद्धि के बारे में अनुमान कम किए जाने की घोषणा के बीच पिछले सप्ताह शेयर बाजार में मुनाफावसूली के कारण प्रमुख सूचकांकों में करीब चार प्रतिशत की गिरावट आई।
घरेलू मोर्चे पर अर्थव्यवस्था राजनीतिक झंझावातों को झेल रही है। खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विवादास्पद फैसले को आम सहमति कायम होने तक टाल दिया गया है।सरकार ने मध्यावधि समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में देश के आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.5 प्रतिशत कर दिया है जबकि बजट में 9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
बाजार की संभावनाओं के बारे में सकारात्मक धारणा व्यक्त करते हुए यूनीकान फाइनेंशल सर्विसेज के मुख्य कार्याधिकारी गजेन्द्र नागपाल ने कहा कि शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार के सकारात्मक रूख के साथ बंद हुए थे। इसे देखते हुए सोमवार को बाजार में तेजी रह सकती है। पर उन्होंने भी कहा कि सप्ताह के दौरान बाजार पर असर डालने वाले कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आने वाले हैं। शेयर बाजारों में इसकी प्रक्रिया निश्चित रूप से देखने को मिलेगी।
शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी आई जहां डाउ जोन्स औद्योगिक सूचकांक में 1.55 प्रतिशत और नस्दक कम्पोजिट इंडेक्स में 1.94 प्रतिशत की तेजी आई।
सीएनआई रिसर्च के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किशोर ओस्तवाल ने कहा कि शुक्रवार को अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा से पहले अगले सप्ताह बाजार में तेजी आ सकती है।
बाजार पर्यवेक्षकों ने कहा कि अर्थव्यवस्था की गति में नरमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दर बढ़ाने का सिलसिला रोक सकता है।
(एजेंसी )
First Published: Sunday, December 11, 2011, 12:07