Last Updated: Sunday, August 11, 2013, 18:12

नई दिल्ली : केंद्र की संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी (सपा) ने प्रस्तावित नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी का विरोध किया है। सपा ने कहा कि प्रस्तावित कानून पर उत्तर प्रदेश सरकार की आपत्ति है क्योंकि यह जीएसटी विधेयक राज्यों की संप्रभुता का उल्लंघन करने वाला है।
वित्त से संबद्ध संसद की स्थायी समिति में सपा सदस्य नरेश अग्रवाल ने पिछले सप्ताह समिति द्वारा संसद में पेश एक नोट में प्रस्तावित कानून पर अपनी पार्टी और उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की आपत्ति जाहिर की।
अग्रवाल ने समिति के चेयरमैन यशवंत सिन्हा को अपने संबोधन में कहा है, वित्त से संबद्ध स्थायी समिति जीएसटी पर अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज रही है। जबकि प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री लगातार यह बयान दे रहे हैं कि केंद्र सरकार इस पर पुनर्विचार कर रही है। मैंने आपत्ति की लेकिन आप अपनी रिपोर्ट भेजने पर अड़े हैं। उन्होंने कहा, मैं अपनी और उत्तर प्रदेश सरकार की आपत्तियां जाहिर कर रहा हूं। उल्लेखनीय है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) से संबद्ध संविधान (115वें संशोधन) विधेयक को विस्तृत समीक्षा के लिए मार्च, 2011 में स्थायी समिति के पास भेजा गया था।
सपा सदस्य ने कहा है, उत्तर प्रदेश सरकार जीएसटी के पूरी तरह से खिलाफ है क्योंकि इसकी वजह से केंद्र सरकार का राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में सीधा हस्तक्षेप हो जाएगा जो राज्य की संप्रभुता में सीधा दखल होगा। सपा सदस्य ने यह जानना चाहा है जीएसटी के चलते राज्यों को होने वाली राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था क्या है।
सिन्हा ने समिति की सिफारिश पेश करते हुए कहा कि समिति ने अपनी राय घोषित करने का निर्णय किया है ताकि वह अपनी जिम्मेदारी पूरी करे और कोई यह न कह सके कि वह विधेयक की राह में अड़ंगा बनी हुई है। अग्रवाल ने नगर निगमों, निगरपालिकाओं, टाउन एरिया और जिला परिषदों को होने वाले नुकसान की भरपाई के बारे में भी सवाल उठाया है। ये संस्थाएं भी अपनी सीमा में कुछ कर और शुल्क आदि लगाती हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 11, 2013, 18:12