Last Updated: Tuesday, March 20, 2012, 09:29
नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को बताया कि सरकारी क्षेत्र के बैंको की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) दिसंबर 2010 में 68,597.09 करोड़ रुपये थी जो दिसंबर 2011 में बढ़ कर 103,891.27 करोड़ रुपये हो गईं। राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीना ने बताया कि इसी अवधि में निजी क्षेत्र के बैंकों की एनपीए 18,451.36 करोड़ रुपये से बढ़कर 18,940.14 करोड़ रुपये हो गईं।
उन्होंने प्रशांत चटर्जी के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले छह माह के दौरान एक करोड़ रुपये से अधिक के एनपीए को ‘सुइट फाइल एकाउंट’ में डाल दिया है जिससे इनके ब्यौरे सार्वजनिक हो गए हैं। मीना ने प्रकाश जावड़ेकर के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि एनपीए घटाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों की एनपीए सकल ऋण के प्रतिशत के रूप में 2.27 फीसदी से बढ़ कर 3.18 फीसदी हो गई हैं। इसके कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि जून से सितंबर 2011 की तिमाही के दौरान सरकारी क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों ने एनपीए की प्रणाली आधारित पहचान अपनाई। इसे अलावा वर्ष 2011 के दौरान ब्याज दरों में वृद्धि और धीमे आर्थिक विकास से एनपीए में वृद्धि हुई।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 20, 2012, 14:59