Last Updated: Wednesday, May 16, 2012, 16:58

मुंबई : भारतीय मुद्रा रुपये के बुधवार को डॉलर के मुकाबले 54.50 के रिकार्ड निचला स्तर छूने और शेयर बाजारों में तेज गिरावट के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वित्तीय घाटा कम करने के लिए सरकार खर्चे में कटौती करना चाहती है। रुपये की कीमत बुधवार को डॉलर के मुकाबले 54.50 के रिकार्ड निचले स्तर तक पहुंच गई। इससे पहले दिसम्बर में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 54.30 तक आ गई थी, जो अब तक का निम्न स्तर था।
रुपया हालांकि बुधवार को डॉलर के मुकाबले 54.49 के रिकार्ड निचले स्तर पर बंद हुआ। रुपया मंगलवार को प्रति डॉलर 53.78 पर बंद हुआ था। ताजा हालात पर टिप्पणी करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों और रुपये के मूल्य में गिरावट का कारण यूरोजोन और खासकर ग्रीस की अनिश्चितता है।
मुखर्जी ने कहा कि देश का विकास पहले की तरह जारी है और वित्तीय अनुशासन के लिए सरकार जल्दी ही खर्चे में कटौती के कदम उठाएगी। मुखर्जी ने सांसदों से कहा कि हां, आर्थिक विकास दर के घटने के कारण हम चिंतित हैं। यह 2011-12 में 6.9 फीसदी रहेगी। कुछ लोगों का कहना है कि यह इससे भी कम रहेगी।
आम बजट पर राज्यसभा में बहस का जवाब देते हुए मुखर्जी ने कहा कि आर्थिक विकास दर का कम रहना चिंता का विषय है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत का विकास जारी है। बहस के बाद राज्यसभा ने बुधवार को विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक 2012 को लोकसभा को वापस भेज दिया। मुखर्जी ने कहा कि यूरोजोन खासकर ग्रीस के संकट के कारण भारत तथा अन्य विकासशील देशों में अनिश्चितता पैदा हो रही है।
शेयर बाजार की गिरावट पर उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक स्थिति को नजरंदाज नहीं कर सकता है। पिछले कुछ दिनों से विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारी बिकवाली के दबाव में देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट देखी जा रही है।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को 1.83 फीसद या 298.16 अंकों की गिरावट के साथ 16,030.09 पर बंद हुआ। मुखर्जी ने वित्तीय अनुशासन लागू करने के लिए कहा कि मैं सरकारी खर्चे में कटौती करने जा रहा हूं। सही संकेत देने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
वोडाफोन कर विवाद पर उन्होंने कहा कि हां, मैं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश चाहता हूं। मैंने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी संस्थागत निवेश लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि इसके लिए वह देश को टैक्स हैवन नहीं बनने देंगे।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 16, 2012, 22:28