Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 22:55

जयपुर/नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के कल लिये गये निर्णय से ब्याज दरों में मजबूती आने की शंकाओं को दरकिनार करते हुये वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि सरकार अस्थिर चल रहे रुपये के ‘एक स्तर’ का लक्ष्य लेकर चल रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि रिजर्व बैंक के कदमों के बाद बैंक अपनी ब्याज दरों को बढ़ायेंगे। चिदंबरम के अनुसार रिजर्व बैंक के कदम विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में जरूरत से ज्यादा सट्टेबाजी और उतार चढाव पर अंकुश रखने के उद्देश्य से उठाये गये। चिदंबरम ने यह भी कहा कि जो कदम उठाये गये हैं और आगे उठाये जायेंगे उनसे मुद्रास्फीति नरम होगी और चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगेगा।
उन्होंने कहा, ये उपाय (रिजर्व बैंक के कल रात उठाये गये कदम) विदेशी मुद्रा बाजार में होने वाली अत्यधिक सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने और रपये को स्थिर बनाने की दिशा में किये गये हैं। मेरा मानना है कि ये उपाय अल्पावधि के लिये किये गये हैं और इन्हें निश्चित तौर पर नीतिगत दरों में और सख्ती की दिशा में उठाये गये कदमों के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिये।
चिदंबरम ने दिल्ली में पूंजी उद्यम और निजी इक्विटी कोषों के सम्मेलन में कहा, मुझे उम्मीद है कि रपया स्थिर हो जायेगा। हम रपये के स्तर का एक लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। ऐसा भी समय आया है कि जब हममे से प्रत्येक को यह पता रहा है कि रपया जितना गिरा है उससे भी ज्यादा गिर सकता है। इसलिये हम चाहते हैं कि रपया स्थिर हो। हम चाहते हैं कि घटबढ पर अंकुश लगाया जाये। चिदंबरम ने इससे पहले आज दिन में जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, इन उपायों को नीतिगत दरों में किसी प्रकार के बदलाव की शुरआत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिये। इनका रिजर्व बैंक की आने वाले मौद्रिक नीति समीक्षा से कोई लेना देना नहीं है। मुझे नहीं लगता की रिजर्व बैंक के कल के उपायों से बैंक अपनी ब्याज दरों को बढ़ायेंगे। रिजर्व बैंक ने कल रात बैंकों के लिए फौरी तौर पर लिये जाने वाले नकद उधार की ब्याज दर दो प्रतिशत बढ़ाकर 10.25 प्रतिशत कर दी। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने बाजार से अतिरिक्त नकदी समेटने को 12,000 करोड़ रुपए के बांड बेचने की भी घोषणा की। इससे नकदी कम कर रुपए की गिरावट थामने में मदद मिलेगी। इस महीने एक समय डालर के मुकाबले रुपया 61.21 के अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर तक गिर गया था।
सरकार जो अब तक यह कहती रही है कि रपये अपने स्तर को स्वयं तलाश लेगा और बाजार में ही उसका स्तर तय होगा, आज पहली बार उसने रुपये के एक स्तर के लक्ष्य की बात की है। चिदंबरम ने सुबह जयपुर में संवाददाता सम्मेलन में कहा रुपये की विनिमय दर इस बात पर निर्भर करेगी कि हम कितनी विदेशी मुद्रा हासिल करते हैं और कितनी खर्च करते हैं।
चिदंबरम ने कहा कि यदि कच्चे तेल के दाम नहीं बढ़ते हैं तो मुद्रास्फीति नीचे आ जायेगी। उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि चालू खाते का घाटे को विदेशी मुद्रा भंडार से राशि निकाले बिना ही पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ कदम उठाये हैं और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिये आपूर्ति पक्ष की अड़चनों को दूर करने के वास्ते और उपाय किये जायेंगे। लेकिन मैं आपको शून्य मुद्रास्फीति का वादा नहीं कर सकता। यदि कच्चे तेल के दाम फिर से नहीं बढ़ते हैं, हम मुद्रास्फीति को वहनीय स्तर पर रोक सकते हैं। चिदंबरम जयपुर में मीडिया पर मंत्रिसमूह के प्रमुख के तौर पर गुलाम नबी आजाद के साथ मीडिया को संबोधित करने पहुंचे थे।
चालू खाते के घाटे (सीएडी) पर उन्होंने कहा कि पिछले साल इसका वित्तपोषण विदेशी मुद्रा भंडार से राशि निकाले बिना ही कर लिया गया और इस साल इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.8 प्रतिशत से नीचे रखा जायेगा। चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने पिछले दिनों 56 फैसले लिये हैं और कुछ और निर्णय आने वाले समय में लिये जायेंगे। आर्थिक सुधार लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। हर दिन हम विभिन्न मुद्दों को देखते हैं और हर दिन हम चीजों को बेहतर करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा, चालू वित्त वर्ष के दौरान आगे बढ़ते हुये हम आर्थिक वृद्धि को 6 प्रतिशत और इससे अधिक रखने में सफल होंगे। इसके बाद अगले साल 7 प्रतिशत अथवा इससे अधिक और उसके बाद 8 प्रतिशत की वृद्धि दर तक हम पहुंचेंगे। वर्ष 2012-13 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रही है जो कि पिछले एक दशक में सबसे कम रही। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 22:55