‘सहारा’ के दबाव में न आएं निवेशक : सेबी

‘सहारा’ के दबाव में न आएं निवेशक : सेबी

‘सहारा’ के दबाव में न आएं निवेशक : सेबीनई दिल्ली : पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को सलाह दी है कि वे सहारा अथवा उसके एजेंटों के किसी प्रकार के दबाव में नहीं आएं।

सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों-सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कार्प लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्प लिमिटेड (एसएचआईसीएल) के निवेशकों को सलाह दी है कि उनके निवेश को समूह की दूसरी कंपनियों में लगाने के सहारा अथवा उसके एजेंटों के दबाव में नहीं आएं।

उच्चतम न्यायालय ने अगस्त में सहारा समूह की इन दोनों कपंनियों को निवेशकों से जुटाए गए 24,000 करोड़ रुपए की राशि 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ तीन महीने के भीतर लौटाने का आदेश दिया था। कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन कर पूंजी बाजार से यह धन जुटाया।

उच्चतम न्यायालय ने सहारा की कंपनियों को निवेशकों से संबंधित सभी दस्तावेज बाजार नियामक सेबी को सौंपने का भी आदेश दिया था। सेबी ने इस संबंध में जारी एक सार्वजनिक सूचना में कहा है कि उसे निवेशकों से इस तरह की कई शिकायतें मिल रही हैं कि उनपर सहारा समूह की तरफ से समूह की दूसरी कंपनियों में निवेश बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

सेबी की सार्वजनिक सूचना में कहा गया है,‘दबाव में नहीं आएं, भ्रमित नहीं हों।’ सेबी ने निवेशकों से कहा है-‘बॉंड में किए गए अपने मौजूदा निवेश को किसी अन्य योजना में बदलने के सहारा अथवा उनके एजेंट, किसी भी व्यक्ति के दबाव में नहीं आएं।’

उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह द्वारा आदेश का पालन नहीं करने पर सेबी को सेबी कानून के तहत कारवाई करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि यदि एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल निवेशकों का धन लौटाने में असफल रहती हैं तो सेबी उनकी संपत्तियां कुर्क कर सकता है और कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगा सकता है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, October 27, 2012, 17:51

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