Last Updated: Friday, November 30, 2012, 12:49

नई दिल्ली : सहारा समूह ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के आदेश को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
सैट ने करीब तीन करोड़ निवेशकों के ब्याज सहित करीब 24,000 करोड़ रुपये लौटाने के मामले में सहारा समूह की दो कंपनिायों द्वारा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: के खिलाफ दायर अपील कल खारिज कर दी थी।
मुख्य न्यायाधीश अलतमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसकी सुनवाई सोमवार के लिए तय कर दी। सहारा के वकील ने पीठ से कहा कि कंपनी शीर्ष न्यायालय की रजिस्ट्री में 5,100 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट जमा करने को पहले ही से तैयार है।
इससे पहले सहारा समूह ने अपनी अपील में निवेशकों का धन लौटाने के मामले में न्यायाधिकरण से हस्तक्षेप का आग्रह किया था। समूह ने आरोप लगाया था कि सेबी इस मामले में उसके खिलाफ गलत तरीके से उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन न करने का आरोप लगा रहा है।
न्यायाधिकरण ने हालांकि कहा था कि इस मामले में किसी तरह का और निर्देश उच्चतम न्यायालय की ओर से ही दिया जा सकता है। ऐसे में इस अपील को खारिज किया जाता है। उच्चतम न्यायालय ने सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कारपोरेशन लि. और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लि. को तीन करोड़ निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपया 15 फीसद के सालाना ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सेबी को निर्देश दिया था कि वह तीन करोड़ बांडधारकांे के धन की वापसी को इन कंपनियांे से सुनिश्चित करवाए।
न्यायालय ने कंपनियों को इन निवेशकों से जुड़े दस्तावेज दस दिन के भीतर सेबी के पास जमा करने को कहा और कहा कि उनकी राशि तीन माह के भीतर वापस की जाए । ऐसा नहीं करने पर उसने सेबी को इन दोनों कंपनियों के खाते को फ्रीज करने और उसकी संपत्तियों को जब्त करने को कहा था। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 30, 2012, 12:49