Last Updated: Thursday, December 20, 2012, 12:40

मुंबई : सहारा समूह की दो कंपनियों के बांडधारकों को पैसा लौटाने के चर्चित मामले में प्रतिभूति एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने बाजार नियामक सेबी को निवेशकों से संबंधित दस्तावेज सौंपने की समय सीमा बढ़ाने संबंधी सहारा की याचिका खारिज कर दी।
सहारा समूह की कंपनियों सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कारपोरेशन (एवएचआईसीएल) और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन (एसआईआरईसीएल) द्वारा एक महीने पहले 19 नवंबर को समय सीमा बढ़ाने की अपील की गई थी।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा विशेष निर्देश पहले ही पारित कर दिए जाने से न्यायाधिकरण द्वारा सहारा समूह की कंपनियों की अपील खारिज कर दी गई।
गुरुवार सुबह याचिका पर सुनवाई करते हुए सैट ने पाया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित किए गए विशेष निर्देश के मद्देनजर अपील निष्फल हो गई है।
सैट ने कहा कि अपील बरकरार नहीं रखी जा सकती क्योंकि मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्देश दिया जा चुका है। दोनों कंपनियों ने निवेशकों से संबंधित दस्तावेज सेबी को सौंपने के लिए समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ाने की अपील की थी जिस पर आज सैट द्वारा सुनवाई के लिए विचार किया जाना था।
उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को दिए अपने आदेश में दोनों कंपनियों को 10 नवंबर तक दस्तावेज जमा करने को कहा था। हालांकि, 5 दिसंबर को पारित एक अन्य आदेश में उच्चतम न्यायालय ने दोनों कंपनियों को 15 दिनों के भीतर सेबी को दस्तावेज सौंपने को कहा। यह समय सीमा गुरुवार को खत्म हो रही है।
दोनों कंपनियों ने सैट के रजिस्ट्रार के पास धन जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए 19 नवंबर को एक दूसरी अपील की। हालांकि, न्यायाधिकरण द्वारा 29 नवंबर को यह अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद, दोनों कंपनियों ने सैट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनियों की अपील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 दिसंबर को दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ नौ सप्ताह में कई चरणों में लौटाने का निर्देश दिया।
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी। (एजेंसी )
First Published: Thursday, December 20, 2012, 12:40