Last Updated: Tuesday, March 13, 2012, 08:10
नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ने बजट से पहले सरकार से कहा है कि कर चोरी रोकने के लिए सिगरेट पर आयात शुल्क बढ़ाकर 150 प्रतिशत कर देना चाहिए। फिलहाल, सिगरेट आयात पर 30 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है।
उद्योग मंडल ने कहा, ‘सिगरेट आयात पर शुल्क बढ़ाने से कुछ स्वार्थी आयातकों द्वारा आयातित सिगरेट का कम मूल्य दिखाकर कर चोरी करने की समस्या से निजात मिलेगी।’ आमतौर पर कर भुगतान से बचने के लिए आयातित माल का दाम कम बताया जाता है। कंपनियां अपने रिकार्ड में वास्तव में प्राप्त मूल्य के माल से कम मूल्य को दर्शाती है और अंतर वाले माल की कमाई हजम कर जाती हैं।
पीएचडी मंडल ने यह भी कहा है कि मौजूदा व्यवस्था के तहत सिगरेट का आयात खुले सामान्य लाइसेंस के तहत होता है। उद्योग मंडल ने इसे प्रतिबंधित सूची में शामिल करने की मांग की है। प्रतिबंधित सूची में आयात के लिये सरकार की पूर्वानुमति आवश्यक होती है। उद्योग मंडल ने कहा है कि घरेलू सिगरेट निर्माताओं पर कर की उंची दरों से सिगरेट की तस्करी और कर चोरी को बढ़ावा मिला है। इससे सरकारी खजाने को सालाना 2,000 करोड़ रुपये का घाटा होता है।
उद्योग मंडल ने इसके साथ ही सरकार से यह भी आग्रह किया है कि विदेशों से आने वाले यात्रियों को अपने साथ सिगरेट लाने से रोका जाना चाहिये। देश में विदेश से आने वाले यात्रियों को अपने साथ 200 सिगरेट बिना शुल्क दिए जाने की अनुमति है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 13, 2012, 13:40