सीएसटी मुआवजे पर राज्य हुए लामबंद - Zee News हिंदी

सीएसटी मुआवजे पर राज्य हुए लामबंद

नई दिल्ली : सीएसटी मुआवजे पर केंद्र के रुख से परेशान राज्यों ने कहा कि केन्द्र सरकार या तो केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) दर में कमी से राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की पूरी भरपाई करे या फिर सीएसटी को बढ़ाकर वापस 4 फीसद कर दे।

 

राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आज यहां अपनी बैठक में 35 सेवाओं की एक निषेधात्मक सूची भी तैयार की है जो कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे से बाहर होंगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यदि सरकार राजस्व नुकसान की पूरी भरपाई नहीं करती तो केंद्र को सीएसटी फिर से 4 फीसदी कर देना चाहिए जो फिलहाल दो फीसदी है।’

 

उन्होंने कहा, ‘99 फीसदी राज्यों का मानना है कि या तो उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए या केंद्र को 4 फीसदी की दर फिर से बहाल कर देनी चाहिए।’ फिलहाल अंतर-राज्यीय बिक्री पर दो फीसदी सीएसटी लगता है। हालांकि सीएसटी केंद्र लगाता है लेकिन राजस्व राज्य सरकार को जाता है और जिस राज्य से उत्पाद दूसरे राज्य को भेजा जाता है उसे राजस्व मिलता है। केंद्र सरकार सीएसटी समाप्त करने की कोशिश कर रही है। इसी दिशा में काम करते हुए उसने राज्यों की सीएसटी की दर 4 फीसदी से घटाकर दो फीसदी करते हुए राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई का वादा किया था।

 

जीएसटी व्यवस्था के तहत सीएसटी को धीरे-धीरे समाप्त किया जाना है। जीएसटी के तहत विभिन्न प्रकार के कर जैसे उत्पाद शुल्क, सेवाकर और राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर, प्रवेश कर और खरीद कर सहित कुछ अन्य कर सभी समाहित हो जाएंगे। (एजेंसी)

First Published: Saturday, March 3, 2012, 18:40

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