Last Updated: Sunday, January 8, 2012, 05:13
नई दिल्ली: विमानन कंपनियों में सुरक्षा मामलों में कई प्रकार की अनियमितता तथा नियमों के उल्लंघन की बात सामने आयी है। इसमें एक विमान कंपनी द्वारा सुरक्षा के समझौते से संबद्ध घटनाओं की जानकारी नहीं देना, एक के विमानों में दोतरफा संचार व्यवस्था के लिये प्रौद्योगिकी का नहीं होना तथा सभी विमानन कंपनियों में जरूरी सुरक्षा अधिकारियों की कमी जैसे मामले शामिल हैं।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की जांच में इस प्रकार की गड़बड़ी सामने आयी है। डीजीसीए ने सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किये जाने को गंभीरता से लिया और स्थिति में सुधार के लिये तत्काल कार्रवाई करने का निर्णय किया है।
सूत्रों के मुताबिक डीजीसीए ने किंगफिशर के शीर्ष अधिकारियों से सोमवार को स्थिति में सुधार के उपायों तथा उसे लागू किये जाने की समयसीमा के साथ उपस्थित होने को कहा है। इसके अलावा अन्य विमानन कंपनियों से भी एक सप्ताह में डीजीसीए के समक्ष उपस्थिति होने को कहा गया है। महानिदेशालय एयर इंडिया के वित्तीय हालात की जांच अगले कुछ दिन में करेगा।
वित्तीय जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि विमानन उद्योग की खस्ता हालत से उड़ान परिचालनों की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। इसमें सुधार के लिये विमान नियमों तथा नागर विमान जरूरतों के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश की गयी है।
ऐसा समझा जाता है कि इंडिगो, स्पाइसजेट तथा गो एयर जैसी कंपनियां या तो महत्वपूर्ण आंकड़ों का रखरखाव नहीं कर रही हैं अथवा उड़ान परिचालन गुणवत्ता आश्वासन (एफओक्यूए) का पालन नहीं कर रही हैं। विमानों के परिचालन से संबद्ध आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर सुरक्षा के नये उपाय तलाशे जाते हैं। डीजीसीए ने यह भी कहा कि ब्लू डार्ट मालवाहक विमान में दोतरफा संचार व्यवस्था के लिये प्रौद्योगिकी नहीं है जबकि जेटलाइट के पास डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकार्डर (ब्लैकबाक्स) पर नजर रखने के लिये जरूरी साफ्टवेयर नहीं है।
इसी प्रकार, गो एयर इंजीनियरिंग आडिट नहीं करता है जबकि सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी और अनिवार्य है। सार्वजनिक क्षेत्र की एलायंस एयर ने भी नियमों का उल्लंघन किया है। कंपनी ने ऐसे व्यक्ति को कार्यकारी निदेशक बनाया है जो पायलट नहीं है। इस पद के लिये तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है। इतना ही नहीं कि जेट एयरवेज, जेटलाइट, एयर इंडिया एक्सप्रेस तथा किंगफिशर जैसी लगभग सभी विमानन कंपनियों में पायलट, चालक दल के सदस्यों, उचित और नियमित प्रशिक्षण, योग्य सुरक्षा अधिकारियों का अभाव है।
(एजेसी)
First Published: Monday, January 9, 2012, 09:14