Last Updated: Tuesday, August 14, 2012, 13:21
नई दिल्ली: देश में सूखे की गंभीरता को ध्यान में सरकार ने 320 जिलों के लिए आपात योजना तैयार की है, साथ ही सूखा सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओ के कारण होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष एवं राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष का गठन किया है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान वासुदेव आचार्य, डा. संजय जायसवाल, बृजभूषण शरण सिंह, डा. भोला सिंह, उदय सिंह, रामकिशुन, वैजयंत पांडा, अधीर चौधरी, प्रहलाद जोशी सहित 45 सदस्यों के प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 320 जिलों के लिए आपात योजना तैयार की है और राज्यों से संबंधित कृषि विश्वविद्यालय से परामर्श से इन योजनाओं के आधार पर उन स्थानों को ध्यान में रखते हुए विकल्प तैयार करने और वैकल्पिक फसलों और उससे जुड़े बीजों की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।
मंत्री ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून 2012 के दौरान कम बारिश के कारण आठ अगस्त 2012 तक 854.86 लाख हेक्टेयर सामान्य बुआई की तुलना में 802.09 लाख हेक्टेयर खरीफ क्षेत्र में बुआई हो सकी। इसके साथ ही हेरे और सूखे चारे की भी कमी है जिससे कई राज्यों में कम बारिश के कारण स्थिति गंभीर हो गई है।
रावत ने कहा कि पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्य पेयजल की कमी का सामना कर रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र के 15, कर्नाटक के 24 और राजस्थान के 11 जिले शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 14, 2012, 13:21