Last Updated: Tuesday, June 4, 2013, 18:53
नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह जल्दी ही विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) सुधारों को अधिसूचित करेगी। इसमें जमीन की आवश्यकता संबंधी नियमों को सरल बनाने तथा परियोजना से बाहर निकलने की नीति का उल्लेख है।
उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में वाणिज्य सचिव एस आर राव ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे लगता है कि एक-दो सप्ताह में नियम सामने आ जाएंगे।’ सरकार ने सालाना विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में इन सुधारों की घोषणा की थी।
एक समय सेज को लेकर निवेशकों में खासा उत्साह था। पर प्रस्तावित प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) में न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) तथा लाभांश वितरण कर (डीडीटी) लगाये जाने की बात कहे जाने के साथ वैश्विक नरमी के कारण इसमें उनकी रुचि कम हुई है। सरकार ने यह पाया है कि सेज स्थापित करने के लिये बड़े पैमाने पर खाली पड़ी गैर-कृषि भूमि प्राप्त करना कठिन है।
बहु-उत्पाद सेज के लिये न्यूनतम भूमि जरूरत को 1,000 हेक्टेयर से कम कर 500 हेक्टेयर किया गया है। वहीं क्षेत्र विशेष सेज के लिये इसे कम कर 50 हेक्टेयर किया गया है।
साथ ही आईटी-आईटीईएस सेज स्थापित करने के लिये न्यूनतम भूमि की जरूरत अब नहीं होगी। इसके अलावा निर्मित क्षेत्र के मानदंड को भी सरल बनाया गया। देश में 170 सेज परिचालन में है। इसमें 2.36 लाख करोड़ रपये का निवेश हुआ है। सेज से निर्यात 2012-13 में 4.76 लाख करोड़ रपये रहा।
अबतक सरकार ने देश के विभिन्न भागों में 390 विशेष आर्थिक क्षेत्रों को अधिसूचित किया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 4, 2013, 18:53