सेबी के नियमों को चुनौती देने वाली अर्जी पर केंद्र को नोटिस

सेबी के नियमों को चुनौती देने वाली अर्जी पर केंद्र को नोटिस

सेबी के नियमों को चुनौती देने वाली अर्जी पर केंद्र को नोटिस नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में सेबी के चेयरमैन और पूर्णकालिक सदस्यों की नियुक्ति के लिए खोज एवं चयन बोर्ड में वित्त मंत्री के दो सदस्यों को मनोनीत करने के अधिकार को चुनौती दी गई है।

हालांकि, न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की अगुवाई वाली पीठ ने सेबी के (चेयरमैन एवं सदस्यों की सेवा के नियम एवं शर्त) नियम, 1992 के नियम 3-5:-ई पर स्थगन देने से इनकार किया। यह नियम वित्त मंत्री को दो सदस्य मनोनीत करने का अधिकार देता है।

न्यायालय ने यह आदेश पूर्व भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी जूलियो रिबेरो तथा समाज के अन्य सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर दिया। इसमें कहा गया है कि सरकार ने जो नियम बनाए हैं वे सेबी अधिनियम के उलट हैं।

रिबेरो ने पूर्व में इसी आधार पर यूके सिन्हा की सेबी चेयरमैन के रूप में नियुक्ति को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। पर अदालत ने उनकी इस याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि जो आरोप लगाए गए हैं वे निजी प्रकृति के हैं।

याचिकाकर्ता ने बाद में नई जनहित याचिका दायर करते हुए सभी आरोपों को छोड़ दिया। इस याचिका में सिर्फ सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर को सिन्हा की सेबी चेयरमैन के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि यह याचिका किसी एक व्यक्ति के खिलाफ है।

रिबेरो ने अपनी पिछली याचिका में कहा था कि सेबी के चेयरमैन की नियुक्ति पांच सदस्यीय समिति द्वारा किया जाना गलत है और इसके पीछे कुछ परोक्ष उद्देश्य है। पूर्व में तीन सदस्यीय समिति सेबी चेयरमैन का चयन करती थी।
याचिका में कहा गया था कि नियमों में बदलाव सेबी चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति कारपोरेट दबाव के तहत करने के लिए किया गया है।

सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए हलफनामा दिया था कि सिन्हा की नियुक्ति खोज एवं चयन समिति द्वारा सर्वसम्मति से की गई है और इसमें किसी का पक्ष नहीं लिया गया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, July 27, 2012, 12:32

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