Last Updated: Thursday, September 12, 2013, 20:58
नई दिल्ली : सरकार ने देश में दो सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के प्रस्ताव को आज सैद्धांतिक मंजूरी दे दी ताकि इलेक्ट्रानिक उत्पादों विशेषकर चिपसैट के आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, `कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर वेफर फेबरीकेशन विनिर्माण इकाइयों के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।` दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बताया, `कैबिनेट ने सेमीकंडक्टर स्थापना के लिए आये दो प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।` भारत अपनी चिप सहित इलेक्ट्रानिक उत्पाद जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत कुछ आयात पर निर्भर करता है। इन सेमीकंडक्टर वेफर फेबरीकेशन विनिर्माण इकाइयों से इस तरह के आयात को कम करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने इन कंपनियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि जो प्रोत्साहन इन कंपनियों को दिए जाएंगे वहीं सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के इच्छुक अन्य निवेशकों को भी दिए जाएंगे। सिब्बल ने कहा, `प्रोत्साहन मौजूदा नीतियों के तहत पहले ही लागू हैं, जो कि लगभग 62 प्रतिशत बनते हैं। बाकी 38 प्रतिशत ऋण प्रावधान के रूप में है जो रिफंडेबल है।` उन्होंने कहा कि सरकार पर बोझ केवल ब्याज शुल्कों का होगा।
प्रस्तावित दो इकाइयों में लगभग 25000 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी और इसमें सरकारी सहयोग का फैसला चिप निर्माताओं के साथ बातचीत के बाद ही किया जाएगा। इलेक्ट्रानिक चिप मोबाइल फोन सहित विभिन्न उपकरणों व गैजेट का अभिन्न तथा महत्वपूर्ण हिस्सा है। इनका देश में निर्माण सुरक्षा के साथ साथ विदेशी मुद्रा बाहर जाने के लिहाज से भी बहुत मायने रखती है।
सरकार की इलेक्ट्रानिक्स नति के अनुसार 2020 तक भारत में इलेक्ट्रानिक वस्तुओं की सालाना मांग 400 अरब डालर तक पहुंच जाएगी। फैब इकाइयों की स्थापना से खासकर इलेक्ट्रानिक्स में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे 2020 तक तीन करोड़ रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 12, 2013, 20:58