Last Updated: Thursday, September 5, 2013, 23:16
सेंट पीटर्सबर्ग : आर्थिक नरमी तथा अपनी मुद्राओं के मूल्य में गिरावट का सामना कर रहे विश्व के पांच प्रमुख उभरते देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (बिक्स) ने 100 अरब डालर का एक आरक्षित मुद्रा कोष शुरू करने पर आज निर्णय किया।
इस कोष से इन देशों को अमेरिका में मौद्रिक प्रोत्साहनों के समाप्त किए जाने से उत्पन्न वित्तीय व आर्थिक जोखिमों से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है। अमेरिका का फेडरल रिजर्व बांड खरीद कार्यक्रम को धीरे-धीरे खत्म करने की शुरूआत जल्दी ही कर सकता है।
कंटिजेंट रिजर्व अरेंजमेंट (सीआरए) की शुरुआत 100 अरब डॉलर से की जाएगी जिसमें भारत 18 अरब डॉलर का योगदान देगा। कोष में सबसे अधिक 41 अरब डॉलर का योगदान चीन द्वारा दिया जाएगा। इस कोष का शुरुआती आकार 100 अरब डॉलर का होगा। ब्राजील और रूस कोष में 18-18 अरब डॉलर का योगदान देंगे। दक्षिण अफ्रीका कोष के लिए 5 अरब डॉलर देगा।
जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले ब्रिक्स देशों के नेताओं के बीच हुई अनौपचारिक बैठक के मीडिया नोट के अनुसार सीआरए के गठन को लेकर विभिन्न पहलुओं तथा परिचालन ब्योरे पर सहमति बन गई है। ब्रिक्स के नेताओं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, दक्षिण अफीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा तथा ब्राजील के राष्ट्रपति दिल्मा रौसेफ ने सुधार की धीमी गति, कुछ देशों में बेरोजगारी की ऊंची दर, वैश्विक विशेष रूप से विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा चुनौतियों पर विचार किया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 5, 2013, 23:16