Last Updated: Wednesday, January 30, 2013, 15:58

नई दिल्ली : वोडाफोन इंडिया स्पेक्ट्रम नीलामी दूसरे दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए जारी दिशानिर्देशों को गैरकानूनी, भेद-भाव पूर्ण और कंपनियों के एक खास समूह के फायदे वाला करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
वोडोफोन ने कहा कि दिशानिर्देश भेद-भावपूर्ण हैं क्योंकि उन्होंने 900 मेगाहर्ट्ज के लिए जो न्यूनतम मूल्य तय किया है वह 800 मेगाहर्ट्ज के लिए तय न्यूनतम मूल्य के मुकाबले तीन गुना है जबकि दूरसंचार नियामक ट्राइ ने सिफारिश की थी कि इन दोनों स्पेक्ट्रम को बराबरी पर रखा जाए। दिशा निर्देश की वापसी की मांग करते हुए दूरसंचार सचिव आर चंद्रशेखर को भेजे गए पत्र में कंपनी ने कहा कि 800 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम का न्यूनतम कम रखने से दूरसंचार कंपनियों के एक खास समूह को फायदा होगा।
वोडाफोन ने यह भी कहा 900 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की नीलामी में वे स्पेक्ट्रम भी शामिल हैं जिनका मुंबई, दिल्ली और कोलकाता सर्कल में वह उपयोग कर रही है। कंपनी ने कहा है कि चूंकि वह स्पेक्ट्रम उसके नेटवर्क में पहले से इस्तेमाल हो रहा है इस लिए उसे नीलामी पर नहीं चढाया जा सकता। वोडाफोन इंडिया के स्थानीय निदेशक (नियमन मामले और सरकारी संपर्क) टीवी रामचंद्रन ने एक पत्र में कहा कि हम कहना चाहते हैं कि उक्त स्पेक्ट्रम का उपयोग हमारे नेटवर्क में समझादारी के साथ व्यापक स्तर पर इस्तेमाल जा रहा है इसलिए हाल में जारी दिशानिर्देश के तहत इनकी नीलामी नहीं की जा सकती।
सरकार ने 22 जनवरी को स्पेक्ट्रम नीलामी के दूसरे दौर के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया जिससे सरकारी खजाने में 45,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। हालांकि दिशानिर्देश में नीलामी की समयसीमा और संबंधित तारीख का जिक्र नहीं है। वोडाफोन ने पहले ही दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सर्कल में लाइसेंस की अवधि के विस्तार की मांग की है जिसका नवीकरण 2014 में होना है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 30, 2013, 15:58