स्वर्ण आयात में गिरावट चालू खाता घाटे में मददगार: सरकार

स्वर्ण आयात में गिरावट चालू खाता घाटे में मददगार: सरकार

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि स्वर्ण आयात में भारी गिरावट से ऐसा लगता है कि 2013-14 में चालू खाता घाटा पिछले वित्त वर्ष के 88.2 अरब डॉलर से घटकर 70 अरब डॉलर पर आ जाएगा।

आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अरविंद मायाराम ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि हमें भरोसा है कि इस वर्ष हम चालू खाता घाटा को 70 अरब डॉलर पर लाने तथा पूंजी भंडार में बगैर कोई कमी किए अतिरिक्त पूंजी प्रवाह बनाए रखने में सफल होंगे। अप्रैल-जून में कुल स्वर्ण आयात 335.1 टन था, जो दूसरी तिमाही में 25 सितंबर तक घटकर 58.37 टन हो गया।

मायाराम ने कहा कि दूसरी तिमाही में और आगे भी स्वर्ण आयात में यह बहुत ही तीव्र गिरावट का संकेत है और हम उम्मीद करते हैं कि यह रुझान बना रहेगा। सरकार चाहती है कि मौजूदा वित्त वर्ष में स्वर्ण आयात घटकर 800 टन पर आ जाए, जो 2012-13 में 845 टन था। वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के बकाया भुगतान (बीओपी) आंकड़े के अनुसार, चालू खाता घाटा 21.8 अरब डॉलर है। जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत ठहरता है।

प्रथम तिमाही में चालू खाता घाटा बढ़ने की मुख्य वजह स्वर्ण आयात है, जो 16.5 अरब डॉलर रहा है। सोने का अधिक आयात और सकल निर्यात में गिरावट, ऐसे मुख्य कारण रहे हैं, जिनके चलते पिछले वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.8 प्रतिशत हो गया। मायाराम ने कहा कि अगस्त में निर्यात बढ़कर दो अंकों में हो गया, जबकि सकल व्यापारिक आयात में कमी आई।

मायाराम ने कहा कि व्यापार घाटा अगस्त में पांच महीने के न्यूनतम स्तर 10.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया। लिहाजा चालू खाता घाटा को 70 अरब डॉलर पर रोका जा सकता है। कई संस्थानिक विश्लेषक चालू खाता घाटा और पूंजी प्रवाह पर अपने बीओपी अनुमान को पहले ही संशोधित कर चुके हैं। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 1, 2013, 21:52

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