स्वास्थ्य सेवाओं की वृद्धि दर 20% होगी - Zee News हिंदी

स्वास्थ्य सेवाओं की वृद्धि दर 20% होगी

नई दिल्ली : स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अगले वित्त वर्ष के दौरान 20.5 फीसद की वृद्धि होने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) 2011-12 के दौरान 18 फीसद रहने का अनुमान है। यह बात आज संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में कही गई है। समीक्षा में कहा गया कि अस्पतालों में भर्ती होने के स्तर में बढ़ोतरी और प्रति बिस्तर आय में बढ़ोतरी के मद्देनजर 2011-12 ओर 2012-13 के दौरान बिक्री क्रमश: 18.6 फीसद आर 20.5 फीसद रहने का अनुमान है।

 

समीक्षा के मुताबिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने 2010-11 के दौरान 25.4 फीसद की बढ़ोती दर्ज की थी। हालांकि इसमें कहा गया कि वेतन और अन्य परिचालन व्यय भी क्रमश: 21.7 फीसद और 21.7 फीसद की दर से बढ़ने का अनुमान है।

 

देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य निवेश में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है। चिकित्सा तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य, जलापूर्ति एवं स्वच्छता तथा परिवार कल्याण पर केन्द्र तथा राज्यों का सम्मिलित राजस्व तथा पूंजीगत व्यय 2006-07 में 53,057.80 करोड़ रुपये से बढ़कर 2010-11 में (बजट अनुमान) 96,672.79 करोड़ रुपये हो गया। लोकसभा में वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा गुरुवार को पेश 2011-12 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार करके इसमें मनरेगा लाभार्थियों तथा बीड़ी श्रमिकों को शामिल किया जा रहा है।

 

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम एक नया प्रयास है, जो 1 जून 2011 से प्रारंभ हुआ है। इसमें गर्भवती महिलाओं तथा बीमार नवजात बच्चों को कैश-लैस डिलीवरी, सी-सैक्शन, दवाइयां तथा उपभोज्य, जांच, स्वास्थ्य संस्थाओं में ठहरने के दौरान, खुराक, रक्त उपलब्ध कराना, रेफर के मामले में अस्पताल तथा वहां से घर छोड़ने का प्रावधान है।2011-12 के दौरान इस कार्यक्रम के दौरान राज्यों को 1437 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। 21 राज्यों में 264 विशेष जिलों में ध्यान दिया जा रहा है, जहां अनुसूचित जाति/ जनजाति की आबादी अधिक है तथा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाके हैं।

 

जननी सुरक्षा योजना का शुभारंभ जच्चा मृत्यु अनुपात को कम करने के लक्ष्य के तहत ऐसे राज्यों और क्षेत्रों में अस्पतालों में प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया गया, जहां इनका अभाव है। इसमें प्रसव तथा प्रसव के बाद सुविधाओं के साथ नकद सहायता दी जाती है। जननी सुरक्षा योजना के तहत 2008-09 में 90.37 लाख लाभार्थी से बढ़कर 2010-11 में 106.96 लाख लाभार्थी हो गये। इस योजना के तहत अब मुख्य बल दिये जाने वाले क्षेत्रों में संचालन, पारदर्शिता और शिकायत निपटान तंत्र के मुद्दे शामिल हैं।

(एजेंसी)

First Published: Thursday, March 15, 2012, 21:08

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