Last Updated: Tuesday, November 8, 2011, 15:23
नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसे स्विट्जरलैंड से बैंक लेन देन और कर से संबंधित सूचनाएं मिलनी शुरू हो गईं। दोनों देशों के बीच दोहरे कराधान से बचाव की संधि (डीटीएए) की समीक्षा के बाद वहां से सूचनाओं का यह सिलसिला शुरू हुआ है और इससे भारतीय अधिकारियों को विदेशों में जमा कालेधन को पकड़ने में मदद मिलने की उम्मीद है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने यहां कहा कि हमें स्विट्जरलैंड से सूचनाएं मिल रही हैं, वे हमें कर चोरी के मामलों की भी सूचनाएं उपलब्ध कराएंगे। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों ने गत वर्ष अगस्त में डीटीएए की समीक्षा की व्यवस्था का करार किया था। वित्त मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार स्विट्जरलैंड ने भारत को सूचित किया है कि उस करार को प्रभावी बनाने के लिए सभी कानूनी व्यवस्थाएं और प्रक्रियाएं पूरी हो गई हैं।
वहां के अधिकारियों ने बताया है कि नई व्यस्था 7 अक्टूबर, 2011 से प्रभावी हो गई है। इसके तहत भारत विशेष मामलों में भी एक अप्रैल, 2012 से बैंकों की सूचना मांग सकेगा। भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत फिलिपी से कल यहां पूछा गया था कि क्या स्विट्जरलैंड के अधिकारी जिनीवा में एचएसबीसी बैंक में भारतीयों के खातों से संबंधित सूचनाएं भी उपलब्ध कराएंगे, तो उनका कहना था कि उनकी सरकार भारत की हर जायज अर्जी का जवाब देगी। कहा जा रहा है कि जिनीवा में एचएसबीसी बैंक में 700 भारतीयों के खाते हैं।
समीक्षा के बाद नई संधि के तहत दोनों देशों की सरकारें संधि की परिधि में आने वाले सभी प्रकार के मामलों में सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारतीय अधिकारियों को अभी कुछ समय पहले फ्रांस से भी भारतीयों के विदेशी खातों के बारे में सूचनाएं मिली हैं। भारतीय आयकर विभाग के अधिकारी उसकी जांच कर रहे हैं। स्विस नेशनल बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 2010 में स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों ने कुल 9,295 करोड़ रुपये जमा करा रखे थे।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 8, 2011, 20:53