‘हड़ताली पायलटों को प्रशिक्षण का हक नहीं’

‘हड़ताली पायलटों को प्रशिक्षण का हक नहीं’

‘हड़ताली पायलटों को प्रशिक्षण का हक नहीं’
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि एयर इंडिया के हड़ताली पायलट जबतक काम पर नहीं लौटते तब तक उन्हें उन्नत बोइंग 777 विमान पर प्रशिक्षण लेने का अधिकार नहीं है। इन विमानों का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए किया जाएगा। न्यायालय ने एकल पीठ के 11 मई को दिए आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया, जिसमें न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति की अनुशंसाओं के लागू होने तक और पायलटों को प्रशिक्षण देने पर रोक लगा दी गई थी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खण्डपीठ ने कहा कि जब तक आप (पायलट) हड़ताल पर रहेंगे तब तक हम इस मामले की सुनवाई नहीं करेंगे। यह रोक जारी रहेगी और किसी तरह का प्रशिक्षण नहीं दिया जाएगा। जब तक पायलट हड़ताल पर हैं हम इस याचिका पर सुनवाई करने के इच्छुक नहीं हैं। जब तक वे हड़ताल पर हैं, तब तक उन्हें प्रशिक्षण लेने का कोई अधिकार नहीं है।

खंडपीठ ने कहा कि यदि पायलट हड़ताल वापस ले लेते हैं तो वे अवकाश के दौरान भी मामले का दोबारा उल्लेख कर सकते हैं। न्यायालय ने मामले की सुनवाई जुलाई तक स्थगित कर दी। अधिवक्ता ललित भसीन ने प्रशिक्षण पर रोक का विरोध करते हुए कहा कि इससे वित्तीय हानि होगी। न्यायमूर्ति सुरैश कैत की एकल पीठ ने 11 मई को प्रशिक्षण पर रोक लगाते हुए कहा था कि एयर इंडिया के जो पायलट पहले ही उन्नत विमान का प्रशिक्षण ले चुके हैं उन्हें परेशान नहीं होना होगा। उन्होंने कि मेरा मानना है कि जब तक न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति की रिपोर्ट का क्रियान्वयन हो नहीं जाता तब तक उन्नत विमान पर प्रशिक्षण कार्यक्रम रोका जाए।

पूर्व के इंडियन एयरलाइंस के पायलटों के संगठन इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने बोइंग 777 जैसे उन्नत विमान पर प्रशिक्षण देने पर एयर इंडिया एवं इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की थी। आईसीपीए का कहना था कि उसके सदस्यों के साथ आईपीजी की तुलना में बराबरी का व्यवहार नहीं किया जाता। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 30, 2012, 14:49

comments powered by Disqus