Last Updated: Tuesday, July 23, 2013, 22:31

नई दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा कंपनी वालमार्ट ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में सामान खरीदने के नियम को पूरा करने के मामले में असमर्थता जतायी है। बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को छोटे उद्योगों से 30 प्रतिशत सामान खरीदना पड़ेगा। वालमार्ट का कहना है कि वह केवल 20 प्रतिशत सामान ही खरीद सकती है।
सूत्रों के अनुसार कंपनी के प्रतिनिधियों ने औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के अधिकारियों से इस महीने के दूसरे सप्ताह में मुलाकात की और विवादास्पद सोर्सिंग नियमों पर कंपनी का रूख साफ किया।
सूत्रों ने कहा, हाल ही में वालमार्ट तथा डीआईपीपी के अधिकारियों के बीच बैठक हुई है। कंपनी ने कहा है कि वह स्थानीय स्तर पर लघु उद्योग से 30 प्रतिशत सामान खरीदने (सोर्सिंग) की अनिवार्यता को पूरा नहीं कर पाएगी और वह केवल 20 प्रतिशत सामान ही सोर्स कर सकती है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह प्रावधान में संशोधन करना सरकार के लिये वास्तव में कठिन होगा क्योंकि यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामला है। संपर्क किये जाने पर वालमार्ट इंडिया की प्रवक्ता ने कहा, हम एफडीआई के मामले में अभी भी शुरूआती चरण में हैं लेकिन हमारे सामने जो मौके हैं, उससे उत्साहित हैं। उसने कहा, हम एफडीआई से जुड़े नियमों को बेहतर तरीके से समझने के लिये सरकार के साथ काम करते रहेंगे।
सरकार ने नई एफडीआई नीति में शामिल शर्तों को स्पष्ट करने के हमारे अनुरोध पर विचार करने की जो इच्छा जतायी है, हम उसकी सराहना करते हैं। बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति के तहत कुल विनिर्मित प्रसंस्कृत माल खरीद मूल्य का कम-से-कम 30 प्रतिशत घरेलू छोटे उद्योग से खरीदने होंगे। कई विदेशी खुदरा कंपनियों ने इस प्रावधान को लेकर चिंता जतायी हैं। हालांकि सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है लेकिन डीईपीपी को को अबतक इस संबंध में कोई औपचारिक प्रस्ताव पहीं आया है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 23, 2013, 22:31