Last Updated: Saturday, November 10, 2012, 21:59

मुंबई : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ‘निराशा का वातावरण’ दूर करने में सफल रही है तथा हाल के कुछ कर संबंधी प्रस्तावों को लेकर निवेशकों में फैली आशंका को दूर करने के लिए कदम उठाएगी।
यहां ‘इकोनामिक टाइम्स’ अवार्ड समारोह में सिंह ने कहा,‘हमने निराशा के वातावरण को दूर कर लिया है और विदेशी निवेश का माहौल सुधारा है,मंत्रालयों के बीच तालमेल बढ़ा है तथा हम अब निवेशकों का मनोबल बहाल करने एवं आर्थिक वृद्धि के लिए वातावरण में सुधार के लिए पूरी शिद्दत से लगे हैं।’
उल्लेखनीय है कि बजट में सामान्य कर परिवर्जन-रोधी नियम (गार) एवं आयकर कानून में पिछली तिथि से संशोधन लागू करने के प्रस्तावों पर निवेशक जगत में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी और उद्योग जगत ने कहा था कि इससे निवेशक भारत में पूंजी लगाने से घबराएंगे।
सिंह ने माना कि गार और पिछली तिथि से कर कानूनों में संशोधन जैसे कदमों पर निवेशकों की प्रतिक्रिया ‘बड़ी उल्टी’ रही। उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि इन मुद्दों पर एक.दो सप्ताह में नए फैसलों की घोषणा की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने बैंकिंग एवं बीमा कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है और एक नया पेंशन विधेयक भी मंजूर किया गया है तथा इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा,‘ हमारा प्रयास होगा कि जितनी जल्दी हो, इन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल जाए। इससे हमारी वित्तीय प्रणाली, हमारी आर्थिक वृद्धि में और अधिक सहायक बन सकेगी।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक नरमी का प्रभाव पड़ा है जिससे निवेशकों की धारणा भी प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई और उम्मीद है कि इस साल यह केवल छह प्रतिशत के आसपास रहेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ हलकों में यह आशंका जाहिर की जा रही है कि भारत की आर्थिक वृद्धि का सिलसिला बिखर रहा है, लेकिन‘हमें पूरा भरोसा है कि हम अपनी कमजोरी दूर कर लेंगे और हमें यह करना ही होगा ताकि आर्थिक वृद्धि एवं रोजगार की नई संभावना पैदा हो सके। इसे हमें चुनौती की तरह लेना है।’
पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य बढ़ाने के फैसले पर प्रधानमंत्री का कहना था कि सरकार गरीबों पर ऐसे फैसलों के असर को लेकर सचेत है।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में सरकार द्वारा लिए गए कुछ चर्चित फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि‘ हमने साहस का परिचय दे दिया है और हमें जो उचित लगा, हमने किया। नि:संदेह अभी काफी कुछ करने की जरूरत है।’
गौरतलब है कि सरकार ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के निर्णय को लागू करने, रसोई गैस पर सब्सिडी में कमी और डीजल के दाम में 5 रुपए लीटर की बढ़ोतरी जैसे ऐसे फैसले किए जो मौजूदा राजनीतिक हालात में अगर असंभव नहीं, तो बहुत मुश्किल माने जा रहे थे।
सिंह ने कहा कि इस समय एक सबसे बड़ी समस्या यह है कि बुनियादी क्षेत्र की बहुत सी बड़ी परियोजनाएं विभिन्न विभागों की मंजूरियों के इंतजार में अटकी पड़ी हैं। कुछ मामलों में यह स्पष्ट नहीं है कि किन शर्तों पर परियोजना को मंजूरी दी जा सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार मंजूरी की प्रक्रिया में गति लाने और नियमों को पारदर्शी बनाने के रास्ते तलाशने में लगी है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर निवेश जरूरी है क्योंकि इसी पर आर्थिक वृद्धि की गति निर्भर करेगी।
सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में ढांचागत क्षेत्र में 1,000 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है जिसमें से आधा पैसा निजी क्षेत्र से आने की उम्मीद है।(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 10, 2012, 20:29