'10 साल में 50 करोड़ मकान की जरूरत' - Zee News हिंदी

'10 साल में 50 करोड़ मकान की जरूरत'

नई दिल्ली: देश के विभिन्न शहरों में अगले एक दशक के दौरान 50 करोड़ भारतीयों को नए मकान की जरूरत होगी। यह चीन, उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप की कुल जरूरत से भी अधिक होगी।

 

उद्योग मंडल फिक्की की रपट भारत में शहरी बुनियादी ढांचा में कहा गया है कि 2050 तक देश की आबादी बढ़कर 1.7 अरब हो जाएगी। शहरीकरण में तेजी से भारतीय शहरों में 90 करोड़ लोग बढ़ जाएंगे।

 

रपट में कहा गया है कि 50 साल से भी कम समय में शहरों की क्षमता 400 प्रतिशत के करीब बढ़ाने की जरूरत होगी। इसमें कहा गया है कि बुनियादी जरूरत के ढांचे मसलन जलापूर्ति, सीवरेज और ड्रेनेज तथा कूड़ा प्रबंधन पर काफी दबाव रहेगा।

 

इसमें कहा गया है कि भारतीय यूएलबी का वित्तीय आधार कमजोर है, जिससे उनकी नागरिकों को प्रभावी सेवाएं देने की क्षमता प्रभावित हो रही है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी अन्य क्षेत्र की तुलना में शहरी बुनियादी ढांचे में विभिन्न कार्यों पर अलग-अलग निकायों के दायरे में आते हैं। फिक्की की शहरी विकास समिति के चेयरमैन प्रदीप पुरी ने कहा, ‘हम जिसमें रह रहे हैं उस पर नए सिरे से विचार करना होगा, क्योंकि यहां कोई कल नहीं है।’

 

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सरकारी विभागों को अपने अनुबंधों को सिर्फ निर्माण आदि पर सीमित रखने के बजाय प्रदर्शन आधारित रखरखाव ठेका देना चाहिए। इसमें ठेकेदार की प्रतिबद्धता का भी जिक्र होना चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 5, 2012, 12:35

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