12वीं योजना में आर्थिक वृद्धि लक्ष्य 8% से 7% होगा!

12वीं योजना में आर्थिक वृद्धि लक्ष्य 8% से 7% होगा!

नई दिल्ली : आर्थिक सुस्ती बरकरार रहने के बीच योजना आयोग नीतिगत दस्तावेज की मध्यावधि समीक्षा में 12वीं योजनावधि (2012-17) के लिए आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को 8 से घटाकर 7 प्रतिशत कर सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने 12वीं पंचवर्षीय योजना की मध्यावधि समीक्षा शुरू कर दी और वह लक्ष्य घटाने पर विचार कर रहा है, क्योंकि हो सकता है कि वैश्विक और घरेलू हालात के बीच 8 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं हो।

आयोग पिछले सप्ताह जारी औद्योगिक उत्पादन और निर्यात के आंकड़ों पर भी विचार कर सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था अभी मुश्किल दौर से बाहर नहीं निकली है और इसका संकेत देते हुए औद्योगिक उत्पादन और निर्यात घटा है वहीं खुदरा मुद्रास्फीति दहाई अंक के करीब रही।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक मई में 1.6 प्रतिशत घटा जो पिछले 11 महीने का न्यूनतम स्तर है। इधर व्यापार के आंकड़ों के मुताबिक जून में निर्यात 4.6 प्रतिशत घटा। मुख्य तौर पर सब्जियों और फल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 9.87 प्रतिशत हो गई।

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के अनुमान के मुताबिक 12वीं पंचवर्षीय योजना के पहले साल 2012-13 में वृद्धि दर पांच प्रतिशत के दशक भर के न्यनूतम स्तर पर आ गई। इसके अलावा सरकार चालू वित्त वर्ष (पंचवर्षीय योजना के दूसरे साल) में 6.1 से 6.7 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि की उम्मीद कर रही है।

विशेषज्ञों के मुताबिक यदि अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में करीब छह प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करती है तो यह 12वीं योजनावधि के शेष तीन साल में वृद्धि दर 9.66 प्रतिशत रहनी चाहिए, जो फिलहाल व्यावहारिक नजर नहीं आता। उनका कहना है कि 12वीं योजनावधि की औसत सालाना वृद्धि दर 7 प्रतिशत रह सकती है। जबकि योजनावधि की शेष अवधि में 8 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर रहेगी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, July 14, 2013, 16:04

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