15 से अधिक US कंपनियों ने भारत में लॉबिंग पर किया खर्च

15 से अधिक US कंपनियों ने भारत में लॉबिंग पर किया खर्च

15 से अधिक US कंपनियों ने भारत में लॉबिंग पर किया खर्च वाशिंगटन : वालमार्ट सहित कम से कम 15 और बड़ी अमेरिकी कंपनियों ने 2012 में अपने भारतीय व्यापारिक हितों तथा अन्य मुद्दों पर लॉबिंग के लिए करोड़ों डॉलर खर्च किए। वालमार्ट द्वारा भारत में अपने व्यापारिक हितों के लिए लॉबिंग किए जाने के मुद्दे को लेकर हाल ही में भारत में खासा राजनीतिक विवाद हुआ था।

लॉबिंग के खुलासे संबंधी संसदीय रिकार्ड के अनुसार इस तरह की लॉबिंग करने वाली कंपनियों में दवा कंपनी फाइजर, कंप्यूटर कंपनी डेल व एचपी, दूरसंचार कंपनी क्वालकॉम व एल्काटेल लुसेंट, वित्तीय सेवा प्रदाता मोर्गन स्टेनली तथा प्रूडेंशियल फिनांशल और एलायंस आफ आटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्स तथा एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ अमेरिका शामिल हैं।

इसी साल अमेरिकी सांसदों के साथ लाबिंग करने वालों में लॉबी ग्रुप फिनांश एक्जीक्यूटिव्ज इंटरनेशनल, बिजनेस राउंडटेबल, बिजनेस साफ्टवेयर एलायंस तथा फिनांशल सर्विसेज फोरम, उपभोक्ता सामान बनाने वाली कारगिल व कोलगेट पामोलिव के नाम हैं।

रिकार्ड के अनुसार बोइंग, एलटीएंडटी, स्टारबक्स, लाकहीड मार्टिन, एली लिली तथा जीई ने भी भारत से जुड़े विशेष लाबिंग मुद्दों पर अमेरिकी सांसदों से लाबिंग की। इन मुद्दों में बाजार को खोलने से जुड़ी पहल तथा देश में अपनी ब्रिकी व व्यापार अवसरों को समर्थन शामिल है।

अमेरिकी संसद के सदन सीनेट व प्रतिनिधि सभा में पेश त्रैमासिक लाबिंग खुलासा रपटों के अनुसार कम से कम तीन संगठनों. फिनांशल सर्विसेज फोरम, बिजनेस राउंडटेबल तथा फिनांशल एक्जीक्यूटिव इंटरनेशनल ने कराधान तथा वित्त विधेयक के अन्य प्रस्तावों को लेकर लांबिक की थी। इस विधेयक को इसी साल संसद में पेश किया गया।

क्वालकम ने स्पेक्ट्रम लाइसेंस तथा अल्काटेल लुसेंट ने तरजीही बाजार पहुंच नियमों और फाइजर ने जेनरिक दवाओं की कीमतों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से जुड़े मुद्दों पर लाबिंग की।

एलायंस आफ आटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्स ने कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन से जुड़े नियमों के कार्यान्वयन को लेकर लॉबिंग की। एसोसिएशन चाहती है कि इन नियमों का कार्यान्वयन भारत, रूस व चीन के साथ ही किया जाए। प्रूडेंशियल फिनांशल ने भारतीय वित्तीय बाजार पहुंच तथा इक्विटी स्वामित्व मुद्दे को लेकर लाबिंग की।

रपटों के अनुसार 2012 में अब तक प्रूडेंशियल फिनांशल ने 60 लाख डॉलर से अधिक की राशि, मोर्गन स्टेनली ने 20 लाख डॉलर, बिजनेस राउंडटेबल ने 66 लाख डॉलर, एलायंस आफ आटोमोबाइल मन्युफेक्चर्स ने लगभग 80 लाख डॉलर, डेल ने 20 लाख डॉलर, एचपी ने लगभग 15 लाख डॉलर, कारगिल ने 10 लाख डॉलर इस मद में खर्च किए हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 16, 2012, 20:25

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