2जी: एयरटेल, वोडाफोन के खिलाफ चार्जशीट का रास्‍ता साफ!

2जी: एयरटेल, वोडाफोन के खिलाफ चार्जशीट का रास्‍ता साफ!

2जी: एयरटेल, वोडाफोन के खिलाफ चार्जशीट का रास्‍ता साफ!नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि राजग के कार्यकाल में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के मामले में संचार कंपनियों और व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के बारे में सीबीआई अपने निदेशक की राय मानें। उच्चतम न्यायालय ने राजग शासन के दौरान अधिक 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के मामले में संचार कंपनियों, उनके अधिकारियों और लोक सेवकों के खिलाफ अपने निवर्तमान निदेशक एपी सिंह के दृष्टिकोण के अनुसार कार्रवाई करने का गुरुवार को निर्देश केन्द्रीय जांच ब्यूरो को दिया। इस आवंटन के दौरान स्व प्रमोद महाजन दूरसंचार मंत्री थे।

न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की खंडपीठ ने इस निर्देश के साथ ही तत्कालीन संचार सचिव श्यामल घोष और उप महानिदेशक (मूल्यवर्धित सेवाएं) जेआर गुप्ता और भारती सेल्यूलर (अब भारती एयरटेल) और ह्यूचिन्सन मैक्स एंड स्टर्लिंग सेल्यूलर (अब वोडाफोन एस्सार) के अनाम अधिकारियों के खिलाफ नवंबर, 2011 में दर्ज प्राथमिकी में आरोप पत्र दाखिल करने का रास्ता साफ हो गया।

इन सभी पर मुकदमा चलाने के बारे में जांच ब्यूरो के निदेशक और एजेन्सी के निदेशक (अभियोजन) के बीच मतभेदों के कारण आरोप पत्र दाखिल करने में विलंब हो रहा था। ब्यूरो के निर्देश प्राथमिकी में नामित व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के पक्षधर थे जबकि अभियोजन के निदेशक इससे असहमत थे। इस मतभेद के कारण मामला अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती के पास सलाह के लिए भेजा गया था। अटार्नी जनरल की जांच एजेन्सी को दी गयी सलाह सीलबंद लिफाफे में न्यायालय में पेश की गई थी।

न्यायाधीशों ने रिपोर्ट के अवलोकन के बाद जांच एजेंन्सी को निर्देश दिया कि वह अपने निदेशक के नजरिये के अनुरूप ही 2001-03 के दौरान स्पेक्ट्रम आवंटन के मामले में आगे कार्रवाई करे। इस अवधि में प्रमोद महाजन संचार मंत्री थे।
न्यायाधीशों ने कहा कि हमारी राय है कि सीबीआई को जांच एजेन्सी के निदेशक के दृष्टिकोण के अनुसार ही कुछ व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 29, 2012, 20:33

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