Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 21:51

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले में रिलायंस एडीएजी के चेयरमैन अनिल अंबानी तथा उनकी पत्नी टीना अंबानी को गवाह के रूप में बुलाना उनका बयान कराना जरूरत है। सीबीआई का कहना है कि इस मामले में कंपनी के जिन अधिकारियों से पूछताछ की गई थी उन्होंने इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि स्पेक्ट्रम नीलामी के बारे में उनकी कथित मुखौटा कंपनियों की ओर से किसने फैसले किए।
सीबीआई के अनुसार हालांकि मौजूदा सुनवाई के दौरान उसने रिलायंस एडीएजी के अनेक गवाहों से पूछताछ की है लेकिन इन्होंने विभिन्न पहलुओं पर उचित जवाब नहीं दिए इसलिए अब वे अभियोजन गवाह के रूप में अनिल व टीना अंबानी से पूछताछ करना चाहते हैं।
विशेष लोक अभियोजक यू यू ललित ने अंबानी तथा अन्य को अभियोजन गवाह के रूप में सम्मन भेजने के लिए सीबीआई की याचिका के पक्ष में तर्क देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, रिलायंस एडीएजी से अनेक गवाहों से पूछताछ की गई। किसी भी (गवाह) ने इस बारे में स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि ये फैसले करने वाला शख्स कौन था। उन्होंने कहा,मामले में सात ऐसे तथ्य हैं जिन पर हमें सीधे साधे जवाब नहीं मिले और इसलिए हम अनिल अंबानी व टीना अंबानी से पूछताछ करना चाहते हैं।
ललित ने यह भी कहा कि टीना व ललित अंबानी में से किसी एक ने भी स्पष्ट जवाब दे दिए तो दूसरे व्यक्ति को गवाही से छोड़ा जा सकता है। विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी की अदालत इस मामले में सुनवाई कल भी जारी रखेगी। ललित ने कहा कि सीबीआई इस मामले में कोई खुली जांच नहीं कर रही है।
वहीं रिलायंस एडीएजी के एक शीर्ष कार्याधिकारी की ओर से उपस्थित हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सीबीआई की अपील का विरोध करते हुए इसे खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह अपील खारिज होनी चाहिए क्योंकि यह तो अनिल व टीना अंबानी को परेशान करने के विचार के साथ दायर की गई है। उन्होंने कहा कि सीबीआई का यह कदम वास्तव में मामले की पुन: जांच का है क्योंकि सीबीआई इस मामले में 130 से अधिक गवाहों से पहले ही पूछताछ कर चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 20:14