Last Updated: Thursday, May 30, 2013, 21:43

नई दिल्ली : सीबीआई ने गुरुवार को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को नया मोड़ देते हुए दिल्ली की एक अदालत से रिलायंस एडीएजी के चेयरमैन अनिल अंबानी व उनकी पत्नी टीना अंबानी को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में ‘समन’ करने की अपील की। सीबीआई ने कहा कि ‘सचाई तक पहुंचने’ और ‘न्यायोचित निर्णय’ के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है।
सीबीआई ने अदालत में दायर अपील में कहा है कि अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी तथा 15 अन्य लोगों को इस मामले में कुछ नए तथ्यों तक पहुंचने के लिए गवाह के रूप में बुलाना जरूरी है। साथ ही अक्तूबर 2007 में डीबी समूह की कंपनी और रिलायंस एडीए समूह की कंपनियों के बीच हुए 997 करोड़ रुपये के लेनदेन संबंधी कुछ बैंक दस्तावेजों की जानकारी के लिए भी इनको गवाह के रूप में तलब किया जाना चाहिए।
मामले में रिलायंस एडीएजी समूह की कंपनी रिलायंस टेलीकाम लि. और डीबी रीयल्टी के प्रबंध निदेशक विनोद गोयनका आरोपी हैं। अनिल अंबानी को गवाह के रूप में बुलाने की सीबीआई की याचिका इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि रिलायंस एडीएजी समूह के तीन कार्यकारी गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा तथा हरि नायर इस मामले में अभियुक्त हैं। इनके अलावा स्वान टेलीकाम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका भी इस मामले में अभियुक्त हैं।
सीबीआई का आरोप है कि आरटीएल ने 2जी लाइसेंस और महंगा स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए स्वान टेलीकॉम का मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया जो कि इसके लिए पात्र नहीं थी। विशेष सरकारी वकील यू.यू ललित ने मामले की सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ओ पी सैनी से कहा कि सचाई तक पहुंचने के लिए इन लोगांे को गवाही के लिए तलब करना जरूरी है।
ललित की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने तीन कंपनियांे आरटीएल, स्वान टेलीकाम और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) सहित सभी 17 अभियुक्तों को नोटिस जारी कर एजेंसी की अपील पर उनसे 3 जुलाई को जवाब देने को कहा है।
न्यायाधीश ने निर्देश दिया, ‘आरोपियों को 3 जुलाई तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किए जाएं।’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अदालत दूरसंचार विभाग के अधिकारी नितिन जैन को इस मामले में गवाह के तौर पर फिर से बुलाने की सीबीआई की अर्जी पर अभियुक्तों से जवाब तलब पर 3 जुलाई को ही फैसला करेंगी।
अनिल अंबानी को तलब करने की मांग करते हुए एजेंसी ने कहा कि रिलायंस एडीए समूह के प्रमुख के रूप में उनकी गवाही जरूरी है। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि स्वान टेलीकॉम सहित अन्य मुखौटा कंपनियों के गठन के लिए कौन जिम्मेदार है।
एजेंसी ने कहा कि रिलायंस एडीए समूह के प्रमुख के रूप में अनिल अंबानी की गवाही जरूरी है जिससे यह पता चल सके कि स्वान टेलीकाम प्राइवेट लि., टाइगर ट्रेडर्स प्राइवेट लि. और जेबरा कंसल्टेंट्स जैसी मुखौटा कंपनियों के गठन के लिए कौन जिम्मेदार है। साथ ही इन कंपनियों के इक्विटी ढांचे, स्वान टेलीकाम के कारपोरेट ढांचे, रिलायंस टेलीकाम लि., रिलायंस कम्युनिकेशंस लि., विकाता इंजीनियरिंग सर्विसेज और रिलायंस एडीए समूह की अन्य कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकाम में निवेश या विनिवेश की जानकारी पाने के लिए इनको गवाह के रूप में बुलाया जाना जरूरी है।
सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा कि स्वान टेलीकाम की ओर से यूएएस लाइसेंस के लिए आवेदन करने, डॉट के साथ आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने अक्तूबर 2007 में स्वान टेलीकाम को डीबी समूह को स्थानांतरित करने के लिए फैसलांे के बारे में जानकारी के लिए अनिल अंबानी की गवाही की जरूरत है।
सीबीआई ने अनिल को गवाह के रूप में बुलाने की अपील ऐसे समय की है जबकि कुछ दिन पहले ही पूर्व कारपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया ने एजेंसी की इस बात का समर्थन किया था कि स्वान टेलीकाम 2जी स्पेक्ट्रम पाने की पात्र नहीं थी। ललित ने अदालत से कहा कि सीबीआई ने इस मामले की तफ्तीश के दौरान भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत अनिल अंबानी का बयान रिकार्ड किया था लेकिन इसे अदालत के सामने पेश नहीं किया गया था क्योंकि उन्हें इस मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों की सूची में नहीं रखा गया था। वकील ललित ने अंबानी के बयान को आज ही पेश करने अनुमति मांगी लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि वह आरोपियों का जवाब मिलने के बाद इस मामले पर विचार करेंगे।
टीना अंबानी के बारे में सीबीआई ने कहा कि वह रिलायंस एडीए समूह में महत्वपूर्ण पद पर थीं उन्हें टाइगर ट्रेडर्स प्राइवेट लि. और स्वान टेलीकाम की ओर से मूल्य सीमा के बिना लेनदेन करने का अधिकार था। जांच एजेंसी ने कहा कि टीना अंबानी एडीएई वेंचर्स प्राइवेट लि. और एएए कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लि. की कई बोर्ड बैठकों की निदेशक और चेयरमैन थीं। इनका टाइगर ट्रेडर्स के साथ कई बार लेनदेन हुआ था।
सीबीआई के आरोप पत्र के अनुसार टाइगर ट्रेडर्स, जेबरा कंसल्टेंट्स, एडीएई वेंचर्स तथा एएए कंसल्टेंसी सर्विसेज रिलायंस एडीए समूह की सहायक कंपनियां थीं। अनिल और टीना अंबानी के अलावा सीबीआई ने जिन अन्य गवाहों को बुलाने की अपील की है उनमें ट्राई के पूर्व सलाहकार राजपाल, कुछ बैंक अधिकारी और सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब (सीएफएसएल) के विशेषज्ञों के नाम शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 30, 2013, 21:43