Last Updated: Thursday, June 27, 2013, 14:05

त्रिचूर : पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर अंकेक्षण रिपोर्ट को दुनियाभर के 12 नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षकों द्वारा मंजूर किया गया था जिसे उन्होंने ‘सर्वोत्तम’ करार दिया था।
यहां त्रिचूर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘प्रेस से मुलाकात’ में राय ने कहा, ‘कैग देश में उच्चतम अंकेक्षण एजेंसी है और इसकी रपटों की अन्य देशों के कैग द्वारा समीक्षा की जाती रही है।’ कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितताओं से सरकार को अनुमानित 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी और जापान सहित 12 देशों से नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षकों ने 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन पर अंकेक्षण रिपोर्ट की समीक्षा की और कहा कि अंकेक्षण के लिए जो दिशानिर्देश अपनाए गए वे इंटरनेशनल ऑडिटर्स इंस्टीट्यूट द्वारा दुनियाभर में मंजूर हैं।
राय ने कहा कि कैग ने अंकेक्षण करते समय सरकार को हुए राजस्व नुकसान की गणना विश्व में स्वीकार्य नियमों के मुताबिक की है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर बहस का सवाल है कि ‘संभावित राजस्व नुकसान’ की गणना अंकेक्षकों द्वारा करानी पड़ती है। राय 22 मई को कैग पद से सेवानिवृत्त हुए। राय ने कैग का एक बहुसदस्यीय निकाय बनाने के प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि उन्होंने इस संबंध में सरकार को तीन सिफारिशें की थीं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 27, 2013, 14:05