Last Updated: Monday, February 11, 2013, 19:42

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंसद रद्द होने के बाद पहले दौर की नीलामी में असफल रहने और इसमें शिरकत नहीं करने वाली संचार कंपनियों को अपनी सेवाएं जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति के.एस. राधाकृष्णन की खंडपीठ ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि जिन कंपनियों ने बोली में हिस्सा नहीं लिया था वे अब सेवायें जारी रखने की पात्र नहीं हैं।
न्यायाधीशों ने सरकार से कहा कि इस मसले पर स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाए। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि दो फरवरी, 2012 के निर्णय के बाद कारोबार जारी रखने वाली संचार कंपनियों को नई नीलामी के लिए निर्धारित सुरक्षित मूल्य के आधार पर भुगतान करना होगा।
न्यायालय ने तमाम अंतरिम आदेशों के जरिए 2जी स्पेक्ट्रम की नई नीलामी प्रक्रिया होने तक उन दूरसंचार कंपनियों को अपना कारोबार जारी रखने की अनुमति दी थी जिनके लाइसेंस पिछले साल फरवरी में रद्द कर दिए गए थे।
न्यायाधीशों ने कहा,‘आपको (संचार विभाग) स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाना होगा कि 12 और 13 नवंबर, 2012 की नीलामी में असफल रहने वालों को कारोबार की अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि वहां अब दूसरे सफल बोली लगाने वाले उपलब्ध हैं। नीलामी प्रक्रिया में शामिल नहीं होने वाले भी कारोबार जारी रखने के हकदार नहीं हैं।’
न्यायालय ने कहा कि नीलामी में असफल रहने या इसमें शिरकत नहीं करने वालों को कारोबार जारी रखने की अनुमति देने से और मुकदमे ही बढ़ेंगे।
न्यायालय ने कहा कि नीलामी 2जी स्पेक्ट्रूम के उन सभी लाइसेंस के लिए होगी जिनके बारे में 10 जनवरी, 2008 को आशय पत्र जारी किए गए थे और जिन्हें शीर्ष अदालत के दो फरवरी, 2012 के निर्णय के तहत रद्द कर दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 11, 2013, 19:42