Last Updated: Friday, December 21, 2012, 18:54
नई दिल्ली : वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने उम्मीद जतायी है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहने से वर्ष 2013 में भारत की आर्थिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहेगी।
वहीं, चीन के बारे में एजेंसी ने कहा कि 2012 की तीसरी तिमाही में उसकी आर्थिक वृद्धि दर घटकर 7.4 प्रतिशत और 2013 में आठ प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
वैश्विक ऋण परिदृश्य 2013 में एजेंसी ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रखने का काम ‘नीति निर्धारकों पर निर्भर करेगा।’ एजेंसी के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि 2013 में ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में गलती की बहुत गुंजाइश नहीं है।’ हालांकि हाल के वर्ष अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहे हैं।
‘वर्ष 2008 में वित्तीय प्रणाली के लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो जाने और वैश्विक मंदी जो 2008 के अंत से 2009 की पहली छमाही तक रही। इसके बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था 2009 के मध्य से सुधरने लगी और यह सुधार कुल मिलाकर वैश्विक स्तर पर जारी है। हमें उम्मीद है कि यह 2013 में भी जारी रहेगी। हालांकि यह एक दुविधापूर्ण स्थिति है।’
एजेंसी के मुख्य वैश्विक अर्थशास्त्री पॉल शेर्ड ने कहा, ‘यह दुविधापूर्ण है क्योंकि उपचार, ऋण पर निर्भरता, लेखाजोखा में सुधार और आर्थिक सुधार जैसी प्रक्रियाएं अभी भी प्रणाली के मुताबिक ही काम कर रही हैं।’
शेर्ड ने कहा कि एसएंडपी को चीन में ‘कुछ गिरावट’ आने की उम्मीद है जबकि भारत की आर्थिक वृद्धि 2013 के दौरान 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 21, 2012, 18:54