Last Updated: Wednesday, May 15, 2013, 19:47

नई दिल्ली : बिहार की वर्ष 2013-14 के लिये 34,000 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को आज मंजूरी दे दी गई। पिछले वर्ष के मुकाबले राज्य की वार्षिक योजना में 34.4 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच यहां हुई बैठक में राज्य की वार्षिक योजना को अंतिम रुप दिया गया। बैठक में बिहार के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी तथा योजना आयोग व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
पिछले आठ सालों के दौरान राज्य के वार्षिक योजना आकार में आठ गुणा से अधिक वृद्धि हो चुकी है। वर्ष 2005.06 में जहां राज्य की वाषिर्क योजना का आकार 4,379 करोड़ रुपये रहा था वहीं 2013-14 में यह 34,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वर्ष 2012-13 में राज्य की वाषिर्क योजना 26,351 करोड़ रुपये रही थी।
आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि राज्य की सकल राज्य घरेलू उत्पाद :जीएसडीपी: वृद्धि काफी अच्छी रही है। कृषि के क्षेत्र में बिहार ने उंची वृद्धि हासिल की है। विशेषकर चावल के खेती में राज्य ने रिकार्ड उत्पादन किया है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के सवाल पर अहलूवालिया ने कहा कि आज की बैठक में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। यह बैठक सालाना योजना को अंतिम रुप दिये जाने के लिये थी।
नीतीश कुमार ने कहा कि 2013-14 के लिये राज्य की 34,000 करोड़ रुपये की योजना के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के बजट में भी इतनी ही राशि का प्रावधान रखा गया है।
नीतिश ने कहा ‘‘वार्षिक योजना के लिये 46 प्रतिशत राशि राज्य सरकार अपने संसाधनों से उपलब्ध करायेगी जबकि करीब 27 प्रतिशत राशि बाजार से उधार लेकर जुटाई जायेगी। योजना में 25.34 प्रतिशत यानी 8,618.30 करोड़ रुपये की राशि केन्द्रीय सहायता के रुप में उपलब्ध होगी।’’ नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार बिजली वितरण और पारेषण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है। सड़क परियोजनाओं को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। वर्ष 2004-05 में राज्य की वाषिर्क योजना में केन्द्रीय सहायता का हिस्सा जहां 70 प्रतिशत से भी अधिक था वहीं अब घटकर 25 प्रतिशत रह गया।
राज्य सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार 2013-14 में विकास प्राथमिकताओं में सामाजिक सेवाओं, ढांचागत विकास, कृषि और संबंधित सेवाओं, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और उर्जा क्षेत्र को शामिल किया गया है। वर्ष के लिये मंजूर 34,000 करोड़ रुपये में से 13,802 करोड़ रुपये सामाजिक सेवाओं, 5,993 करोड़ रुपये सड़क क्षेत्र में, 1,790 करोड़ रुपये उर्जा क्षेत्र में, 3,383 करोड़ रुपये कृषि और संबंधित क्षेत्र में तथा 2,730 करोड़ रुपये की राशि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण कार्यों पर खर्च की जायेगी।
बिहार की अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है। 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007 से 2012) के दौरान राज्य की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि 11.87 प्रतिशत रही है, जो कि सभी राज्यों में सबसे उंची रही है। पिछले वित्त वर्ष 2012.13 में यह 9.48 प्रतिशत रही। राज्य की प्रति व्यक्ति आय जो कि 2005.06 में 7,749 रुपये पर थी, 2012-13 में दोगुनी होकर 14,268 रुपये हो गई। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 15, 2013, 19:47