Last Updated: Monday, April 29, 2013, 21:39
बैंकॉक : भारत ने आज कहा कि उसके निरंतर और व्यवस्थित प्रयास से 2015 तक देश में गरीबी और कम होगी तथा आबादी में गरीबों का अनुपात घटकर 26.7 फीसदी तक रह जाएगा। पुरंदेश्वरी ने यहां एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि भारत 2015 तक अपनी गरीबी रेखा से नीचे की आबादी के आंकड़े को 26.7 फीसद पर लाने में सफल रहेगा। पर यह सहस्राब्दी विकास लक्ष्य (एमडीजी) के हिसाब से कम है जिसके तहत भारत में गरीबी अनुपात 2015 तक घटा कर 23.9 प्रतिशत तक सीमित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में साफ-सफाई के स्तर में सुधार अब भी एक बड़ी चुनौती है। थाइलैंड की यात्रा पर आईं वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी ने यहां एशिया प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनएस्केप) की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 1.2 अरब की आबादी वाले भारत में मनरेगा जैसे लक्षित कार्यक्रमों के जरिए गरीब दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।
एस्केप के 69वें सालाना सत्र में ‘सतत विकास और 2015 से आगे विकास एजेंडा’ विषय पर परिचर्चा को संबोधित करते हुए पुरंदेश्वरी ने कहा, ‘‘हम नवप्रवर्तन वाली प्रौद्योगिकी आधारित योजनाएं क्रियान्वित कर रहे हैं, जिससे गरीबों को प्रत्यक्ष लाभ-अंतरण प्रणाली से नकद लाभ दिया जा रहा है। यह प्रणाली विशिष्ट पहचान परियोजना ‘आधार’ से जुड़ी है।’’ रहन सहन में साफ सफाई के मामले में उन्होंने कहा कि 1990 की तुलना में भारत में बिना सुरक्षित पेयजल वाले घरों की संख्या आधी रह गई है। हमें उम्मीद है कि 2015 तक हम ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पूर्ण रूप से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने में सफल होंगे। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि साफ सफाई व्यवस्था भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का मानना है कि 2015 के बाद का विकास एजेंडा गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित होना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 29, 2013, 21:39