Last Updated: Tuesday, September 18, 2012, 22:56

नई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन पर अंतरमंत्रालय समूह (आईएमजी) ने मंगलवार को मचरकुंडा ब्लॉक का आवंटन रद्द करने और झारखंड में जितपुर ब्लॉक और चितारपुर कोयला ब्लॉक के बैंक गारंटी की कटौती की सिफारिश की। मचरकुंडा ब्लॉक का आवंटन अगस्त 2008 में बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड को किया गया था। झारखंड में जितपुर ब्लॉक का आवंटन फरवरी 2007 में जिंदल स्टील एंड पावर को किया गया था, जबकि चितारपुर नॉर्थ का आवंटन कॉरपोरेट इस्पात को किया गया था।
सरकार ने आईएमजी की पिछले सप्ताह की सिफारिश पर मंगलवार को तीन और कोयला ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया। इनमें एक का आवंटन एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड को किया गया, जिसके साथ पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय के भाई का सम्बंध होने का आरोप है। अन्य का आवंटन संयुक्त रूप से जिंदल स्टील वर्क्स को किया गया था।
आईएमजी ने तीन ब्लॉकों-गौरंगडीह एबीसी कोयला ब्लॉक जिसका आवंटन हिमाचल ईएमटीए पावर और जेएसडब्ल्यू स्टील को किया गया था, रावनवारा नॉर्थ कोयला ब्लॉक जिसका आवंटन एसकेएस इस्पात एंड पावर को किया गया था और न्यू पत्रापारा कोयला ब्लॉक जिसका आवंटन भूषण स्टील लिमिटेड को किया गया था-का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की थी।
सरकार ने गुप्ता मेटालिक्स और गुप्ता कोलफील्ड्स लिमिटेड को संयुक्त रूप से आवंटित नेराद मालेगांव ब्लॉक, उषा मार्टिन को आवंटित लोहारी ब्लॉक, टाटा स्पंज आयरन को आवंटित राधिकापुर ईस्ट कोयला ब्लॉक और भूषण लिमिटेड को आवंटित बिजाहन कोयला ब्लॉक के मामले में बैंक गारंटी में कटौती को मंजूरी दी।
इस बीच योजना आयोग ने मंगलवार को कोयला खनन के निजीकरण की जरूरत बताई। आयोग ने कहा कि सरकार के पास ऊर्जा क्षेत्र के लिए सुसंगत नीति होनी चाहिए, क्योंकि देश में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के लिए तीसरे पक्ष को बिक्री की अनुमति है।
आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने एक कार्यक्रम के इतर मौके पर संवाददातओं से कहा, हमने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का राष्ट्रीयकरण नहीं किया है। इस क्षेत्र में तीसरे पक्ष बिक्री के लिए निजी क्षेत्र के निवेश की अनु़मति है। इसलिए मेरे खयाल से यह अनुमति कोयला क्षेत्र में भी होनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 18, 2012, 22:53