8% की आर्थिक वृद्धि पर लौटेगी अर्थव्यवस्था: राष्ट्रपति

8% की आर्थिक वृद्धि पर लौटेगी अर्थव्यवस्था: राष्ट्रपति

8%  की आर्थिक वृद्धि पर लौटेगी अर्थव्यवस्था: राष्ट्रपतिनई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने घरेलू अर्थव्यवस्था के आठ प्रतिशत उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर लौटने के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुये देश में उद्योग जगत से इंजीनियरिंग उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में नवप्रवर्तन का आह्वान किया है। प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को यहां प्रगति मैदान में 20वें अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी मेले (आईईटीएफ-2013) का उद्घाटन करते हुये कहा,‘तेजी से आगे बढ़ने के लिये प्रक्रियाओं, उत्पादों और कारोबार के तौर तरीकों में नवप्रवर्तन महत्वपूर्ण रणनीति हो सकती है। हमें विभिन्न क्षेत्रों में नवीनता पर जोर देना चाहिये।’

राष्ट्रप्रति ने इंजीनियरिंग उद्योग से इन क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिये दुनियाभर में विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के साथ भागीदारी विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह इंजीनियरिंग मेला ऐसे समय शुरु हुआ है जब दुनिया वैश्विक आर्थिक संकट के दूसरे दौर के प्रभाव से बाहर निकल रही है। भारत पर भी इस मंदी का असर पड़ा है।

उन्होंने कहा,‘हाल ही में हालांकि, हमारी आर्थिक वृद्धि में नरमी आई है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि यह सिलसिला थमेगा और अर्थव्यवस्था फिर से 8 प्रतिशत की उच्च वृद्धि के स्तर तक पहुंचेगी, जिसे हमने पिछले वर्षों में कई बार हासिल किया।’
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा हर दो साल में आयोजित किये जाने वाले इस इंजीनियरिंग मेले में दुनियाभर से 350 से अधिक कंपनियां भाग ले रही हैं। प्रगति मैदान में आयोजित इस मेले में दक्षिण कोरिया भागीदार देश है जबकि चीन को फोकस देश के तौर पर रखा गया है। तीन दिन तक चलने वाला यह इंजीनियरिंग मेला एशिया का सबसे बड़ा मेला बताया जा रहा है।

मुखर्जी ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय में लगातार वृद्धि और मध्यम वर्ग का बढ़ता आकार को देखते हुये अर्थव्यवस्था में अंदरुनी मजबूती अभी भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग क्षेत्र को तीव्र आर्थिक विकास के लिये काम करना चाहिये।

प्रणब मुखर्जी ने कहा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) ने देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। विनिर्माण क्षेत्र के कुल उत्पादन में इनका 45 प्रतिशत तक योगदान है और देश के कुल निर्यात में 40 प्रतिशत एमएसएमई से होता है। देश में कुल मिलाकर दो करोड 90 लाख एमएसएमई इकाईयां हैं और करीब 7 करोड़ लोग इनसे अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं।

उन्होंने निजी क्षेत्र से निवेश बढ़ाने का आह्वान करते हुये कहा,‘आधारभूत विकास और औद्योगिक उत्पादन के क्षेत्र पर हमारा अधिक जोर रहने से इस क्षेत्र (इंजीनियरिंग) को और प्रोत्साहन मिला है- बिजली और परिवहन जैसे अहम क्षेत्रों में भारी राशि का निवेश किया जाना है।’

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय विनिर्माण नीति 2011 में विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत बनाने और वर्ष 2025 तक इस क्षेत्र में 10 करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करने का उद्देश्य रखा गया है। उन्होंने कहा,‘भारत में विनिर्माण क्षेत्र का कुल रोजगार मं) 11 प्रतिशत योगदान है जो कि विकासशील देशों की तुलना में काफी कम है। विकासशील देशों में सकल रोजगार में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा 15 से 30 प्रतिशत तक है।’

कोरिया के व्यापार और ऊर्जा मंत्री चो सिओक ने कहा ‘पिछले 40 सालों में भारत और कोरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार कई गुणा बढ गया है। वर्ष 1973 में द्विपक्षीय व्यापार 1.40 करोड़ डॉलर से बढ़कर पिछले साल 19 अरब डालर तक पहुंच गया।’
इस दौरान भारत में 430 कोरियाई कंपनियों ने कामकाज शुरु किया है।

सीआईआई अध्यक्ष आदि गोदरेज ने दुनियाभर में इंजीनियरिंग क्षेत्र में भारतीय कंपनियों की मजबूत उपस्थिति बताते हुये इसका श्रेय उनके किफायती दाम और उच्च गुणवत्ता को बताया। आटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उन कुछ क्षेत्रों में हैं जिनमें भारत ने अच्छी प्रगति की है। (एजेंसी)

First Published: Friday, February 15, 2013, 20:16

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