AAI में जॉब करने पर भरना होगा 5 लाख रुपए का बांड

AAI में जॉब करने पर भरना होगा 5 लाख रुपए का बांड

AAI में जॉब करने पर भरना होगा 5 लाख रुपए का बांडमुंबई: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को वायु यातायात प्रबंधन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कर्मचारियों द्वारा लगातार नौकरी छोड़ने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में अब प्राधिकरण ने नए लोगों से भर्ती के समय 5 लाख रुपये के बांड पर हस्ताक्षर कराने का फैसला किया है। एएआई ने मुख्य तौर पर यह कदम मध्यम स्तर के कार्यकारियों को प्राधिकरण में बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया है।

एएआई के सकरुलर के अनुसार, दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों हवाई यातायात प्रबंधन (एटीएम) तथा संचार, नौवहन तथा निगरानी (सीएनएस) के नए कार्यकारियों को इस सरकारी संगठन में आने से पहले 5 लाख रुपये का बांड भरना होगा। यदि वे एक साल बाद नौकरी छोड़ते हैं तो उनकी यह राशि जब्त हो जाएगी।

एएआई के 17 जुलाई के सकरुलर में कहा गया है कि सीएनएस तथा एटीएम जैसे दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शिक्षित और प्रशिक्षित श्रमबल को नौकरी छोड़ने से हतोत्साहित करने के लिए कनिष्ठ कार्यकारियों के इस्तीफा देने की स्थिति में तत्काल बांड की राशि वसूली जाएगी।

देशभर में 125 हवाई अड्डों का प्रबंधन करने वाले एएआई ने बांड के भुगतान से बचने के लिए तीन साल की समयसीमा तय की है। वायु यातायात नियंत्रक (एटीसी) तथा सीएनएस के कर्मचारियों को उच्च कौशल वाली प्रशिक्षण प्रक्रिया पर प्राधिकरण को प्रति व्यक्ति 8 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

पिछले 12 माह में ही 200 हवाई यातायात नियंत्रक एएआई की नौकरी छोड़कर अन्य क्षेत्रों में जा चुके हैं जिसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। इनमें से कई तो बैंक या अन्य सेवा उद्योगों से जुड़ चुके हैं। एएआई ने कहा कि यदि इन दो क्षेत्रों का कोई कार्यकारी प्रशिक्षण की अवधि यानी पहले छह माह में ही नौकरी छोड़ता है, तो उसे इस 5 लाख रुपये के अलावा उसके प्रशिक्षण पर हुए खर्च का भुगतान करना होगा।

वहीं एक साल बाद नौकरी छोड़ने वालों को 5 लाख रुपये देने होंगे। दो साल बाद नौकरी छोड़ने वाले कार्यकारी को 4 लाख और तीन साल बाद नौकरी छोड़ने वाले कार्यकारी को 3 लाख रुपये प्राधिकरण को देने होंगे।

सर्कुलर में कहा गया है कि यह देखने में आया है कि एटीएम और सीएनएस के नए नियुक्त कार्यकारी के इस्तीफा देने से उनकी नियुक्ति और प्रशिक्षण पर किया गया खर्च तो बेकार जाता ही है साथ ही इससे संगठन का कामकाज भी प्रभावित होता है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 7, 2013, 13:34

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