Last Updated: Thursday, April 12, 2012, 15:03
नई दिल्ली : औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर के आंकड़ों को निराशाजनक बताते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इसकी मुख्य वजह सख्त मौद्रिक नीति और वैश्विक कारणों को वजह बताया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार औद्योगिक उत्पादन में सुधार के लिए कदम उठाएंगे।
वित्त मंत्री ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि इन आंकड़ों का असर अगले सप्ताह पेश होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा में दिखाई देगा। सरकार और रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मिलकर कदम उठाएंगे। फरवरी माह में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 4.1 फीसद पर आ गई है, जो एक साल पहले इसी महीने में 6.7 प्रतिशत रही थी। अप्रैल से फरवरी 2011-12 के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 3.5 प्रतिशत रह गई है, जो पिछले साल इसी अवधि में 8.1 फीसद थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता तथा पिछले कुछ समय से मौद्रिक नीति में सख्ती की वजह से निवेश में सुधार प्रभावित हुआ है। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा 17 अप्रैल को पेश करने जा रहा है। जनवरी, 2012 के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े को संशोधित कर 6.8 से 1.14 फीसदी किए जाने को निराशाजनक बताते हुए मुखर्जी ने कहा कि 2011-12 की अंतिम तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की स्थिति में सुधार उतना नहीं हुआ, जैसी उम्मीद थी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 12, 2012, 20:33