Last Updated: Wednesday, May 29, 2013, 18:13

नई दिल्ली : रसोई गैस (एलपीजी) ग्राहकों को सब्सिडी सीधे बैंक खाते में भेजने की सरकार की महत्वकांक्षी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना एक जून से शुरू हो रही है। पहले चरण में 18 जिलों में शुरू हो रही इस योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर बुक कराने के साथ ही संबंधित ग्राहक के बैंक खाते में बतौर सब्सिडी 435 रपये पहुंच जाएगें।
योजना 20 जिलों में शुरू की जानी थी लेकिन दो जिलों कर्नाटक के मैसूर तथा हिमाचल प्रदेश के मंडी में विधानसभा तथा संसदीय उपचुनावों के कारण वहां इसे एक महीने के लिये टाल दिया गया है। पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली एक जून को अपने गृह राज्य कर्नाटक के तुमुकर में जबकि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री पानाबाका लक्ष्मी अपने गृह राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में इसकी शुरूआत करेंगी।
सूत्रों ने बताया कि योजना शुरू होने के बाद उत्तरी गोवा तथा पुडुचरी जैसे 18 जिलों के ग्राहकों को एलपीजी सिलेंडर रिफिल के लिये हर बार बुक कराने पर 435 रपये मिलेंगे। इसके बाद इन उपभोक्ताओं को बाजार भाव पर सिलेंडर खरीदना होगा। दिल्ली में सब्सिडीयुक्त 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर का भाव 410.50 रपये है। बाजार भाव इसका दोगुना होगा।
सरकार की इस साल के अंत तक इस योजना को देश के अन्य भागों में शुरू करने की योजना है लेकिन पहले वह इन 20 जिलों के नतीजे देखना चाहती है। 20 जिलों में बड़े पैमाने पर आधार संख्या का काम होने के कारण इनका चयन किया गया है।
इन 18 जिलों में एलपीजी खपत करने वाले 89 प्रतिशत लोगों के पास आधार संख्या है। जिनके पास आधार संख्या नहीं है, सरकार उन्हें इसे हासिल करने के लिये तीन महीने का समय देगी और इसे उनके बैंक खाते से जोड़ेगी जहां पैसा सीधे भेजा जाएगा।
तीन महीने यानी सितंबर से केवल उन्हीं ग्राहकों को नकद सब्सिडी मिलेगी जिनके पास आधार तथा उससे जुड़ा बैंक खाता होगा। शेष को एलपीजी सिलेंडर बाजार भाव पर खरीदना होगा।
सरकार को इस योजना के देश भर में क्रियान्वित होने पर 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी बचत की उम्मीद है।
सरकार ने जनवरी में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना शुरू किये जाने की घोषणा की थी। इसके तहत सरकार पेंशन तथा छात्रवृत्ति समेत अन्य सरकारी लाभ सीधे लाभार्थियों के खाते में भेज रही है।
इस योजना के अंतर्गत अब एलपीजी को शामिल किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सब्सिडी सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाना है। फिलहाल उपभोक्ता एक साल में 14.2 किलो के 9 एलपीजी सिलेंडर प्राप्त करने के हकदार हैं। जिन 18 जिलों में एलपीजी के लिये डीबीटी योजना शुरू की जा रही है, उनमें आंध्र प्रदेश के अनंतपुर, चित्तूर, पूर्वी गोदावरी, हैदराबाद तथा रंगा रेड्डी, दमन दीव में दीव, उत्तरी गोवा, हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर, हमीरपुर तथा उना, कर्नाटक के तुमुकर, केरल के पथनमथिता तथा वायनाड, महाराष्ट्र में वर्धा, पुडुचेरी, पंजाब में एसबीएस नगर (नवाशहर) तथा मध्य प्रदेश में पूर्वी निमार (खंडवा) तथा मध्य प्रदेश में हरदा जिला शामिल हैं। मंडी तथा मैसूर में एक जुलाई से योजना शुरू होगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 29, 2013, 18:13