Last Updated: Sunday, May 13, 2012, 14:57
नई दिल्ली : उद्योग मंडल एसोचैम ने रुपए में गिरावट को थामने के लिए कई तात्कालिक समाधान सुझाए हैं। उद्योग मंडल का कहना है कि वस्तुओं और सेवाओं की घरेलू मांग में बढ़ोतरी तथा प्रवासी भारतीयों द्वारा देश में भेजे जाने वाले धन में इजाफे से गिरते रुपए को थामा जा सकता है।
एसोचैम के सर्वेक्षण में कहा गया है कि रुपए में गिरावट की एक और वजह शेयर बाजारों की कमजोरी है। इससे शेयर बाजारों से पूंजी की निकासी हो रही है। हाल में रुपया 54 प्रति डॉलर के स्तर तक चला गया था। यह सर्वेक्षण 50 बैंकरों और अर्थशास्त्रियों के विचारों पर आधारित है।
एसोचैम ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाजारों से जो निकासी कर रहे हैं उसकी एकमात्र वजह नीतिगत खामियां नहीं हैं, बल्कि वे जोखिम से बचाव के लिए भी ऐसा कर रहे हैं। ज्यादातर विशेषज्ञों की राय है कि एक बार घरेलू मांग पैदा होने के बाद एफआईआई भारतीय बाजार में फिर से लौटने लगेंगे।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि वस्तुओं की कमजोर वैश्विक मांग और इसके सेवा क्षेत्र पर पड़ रहे असर की वजह से निर्यातकों में निराशा है। खासकर अमेरिका बाजार की सुस्त रफ्तार की वजह से आईटी निर्यातक परेशान हैं।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि घरेलू मांग बढ़ाने के अलावा विदेश में रहने वाले भारतीयों द्वारा देश में धन के प्रवाह को भी बढ़ाने के प्रयास होने चाहिए तभी रुपए की स्थिति में सुधार होगा।
इसमें कहा गया है कि एनआरआई जमा को बढ़ाकर 75 से 80 अरब डॉलर पर पहुंचाने की जरूरत है, जो फिलहाल 52 से 5 अरब डॉलर है। अगस्त, 2011 के बाद से डालर की तुलना में रुपया करीब 22 प्रतिशत कमजोर हुआ है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, May 13, 2012, 20:27