ONGC को चौथी तिमाही में 5,644 करोड़ का शुद्ध लाभ

ONGC को चौथी तिमाही में 5,644 करोड़ का शुद्ध लाभ

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की तेल उत्पादक कंपनी ओएनजीसी लिमिटेड का शुद्ध लाभ मार्च 2012 में समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में दोगुने से भी अधिक बढ़कर 5,644 करोड़ रुपये हो गया। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट का कंपनी को लाभ मिला। रुपये के कमजोर पड़ने से जहां तेल आयातक कंपनियों को भारी नुकसान हुआ वहीं ओएनजीसी को इसका फायदा हुआ और ईंधन सब्सिडी में जो वृद्धि हुई उसके एक बड़े हिस्से की भरपाई में मदद मिली।

जनवरी से मार्च 2012 की अवधि में ओएनजीसी का शुद्ध लाभ 102 प्रतिशत बढ़कर 5,644 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी ने 2,791 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था।

चौथी तिमाही के दौरान ओएनजीसी ने डीजल, घरेलू रसोई गैस और मिट्टी तेल की लागत से कम दाम पर बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये विपणन कंपनियों को 14,170 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इससे पिछले वर्ष यह राशि 12,136 करोड़ रुपये रही थी।
ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुधीर वासुदेव ने आज यहां कंपनी के वाषिर्क परिणाम जारी करते हुये कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर पड़ने से सब्सिडी भरपाई में योगदान मिला।
वासुदेव ने कहा कि सब्सिडी यदि नहीं देनी होती तो ओएनजीसी का मुनाफा 8,000 करोड़ रुपये बढ़ जाता। ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसी तेल एवं गैस उत्पादक कंपनियां पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली कंपनियों को डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल पर होने वाले नुकसान की भरपाई में आंशिक योगदान करती हैं, जबकि शेष भरपाई सरकार की तरफ से की जाती है।

वासुदेव ने बताया कि सब्सिडी भुगतान की वजह से ओएनजीसी को प्रत्येक बैरल तेल के लिये 44.32 डॉलर का भुगतान मिलता है। कंपनी प्रत्येक बैरल तेल पर रिकॉर्ड 77.3 डॉलर प्रति बैरल की सब्सिडी देती है। हाल में तेल उपकर बढ़ाकर 4,500 रुपये प्रति टन कर दिये जाने के बाद हमारी उत्पादन लागत बढ़कर 44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। चौथी तिमाही में कंपनी का कुल बिक्री कारोबार 18,976 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले यह 15,554 करोड़ रुपये रहा था। वर्ष के दौरान कंपनी ने कुल 76,130 करोड़ का कारोबार किया जो कि पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक रहा।

वासुदेव ने बताया कि वर्ष के दौरान ओएनजीसी ने तेल विपणन कंपनियों को कुल 44,466 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड सब्सिडी उपलब्ध कराई। एक साल पहले यह राशि 24,892 करोड़ रुपये रही थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, May 29, 2012, 20:20

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