Last Updated: Monday, June 25, 2012, 20:34

नई दिल्ली: विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा डालर के मुकाबले रुपये में आती गिरावट को थामने के लिये आज किये गये उपायों की घोषणा से पूंजी प्रवाह बढ़ेगा और घरेलू मुद्रा में गिरावट थमेगी।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन ने कहा ‘इन उपायों से देश में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा, इसका रुपये पर भी कुछ असर होगा।’ वर्तमान में डालर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 57.37 रुपये प्रति डालर तक गिर गया। यह इस साल में एक दिन में 85 पैसे की सबसे बड़ी गिरावट है। इसके पीछे तेल आयातकों की डालर की भारी मांग प्रमुख वजह रही।
रंगराजन ने हालांकि, यह कहा कि रिजर्व बैंक के उपायों से परिणाम सामने आने में कुछ समय लगेगा। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी.के. जोशी ने कहा ‘‘मेरा मानना है कि इन उपायों का तुरंत कोई असर नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के ये उपाय विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ाने के ध्येय से उठाये गये हैं लेकिन यह विदेशी निवेशकों के जोखिम उठाने की क्षमता और वैश्विक आर्थिक परिवेश पर निर्भर करेगा।
रिजर्व बैंक ने आज विदेशी संस्थागत निवेशकों की सरकारी प्रतिभूतियों और बॉड में निवेश सीमा को पांच अरब डालर बढ़ाकर 20 अरब डालर कर दिया। इसके साथ ही भारतीय कंपनिहयों को भी अपनी नई पूंजी जरुरतों और बकाया रुपया कर्ज को चुकाने के लिये विदेशों से 10 अरब डालर तक वाणिज्यिक उधारी जुटाने की अनुमति दे दी है।
हालांकि, रिजर्व बैंक ने इस सुविधा को उन्हीं कंपनियों तक सीमित रखा है जिनकी पिछले तीन साल के दौरान विदेशी मुद्रा कमाई का रिकार्ड रहा है और विनिर्माण और ढांचागत क्षेत्र में काम कर रही है। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है कि ये उपाय तुरंत प्रभाव से अमल में आ जायेंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 25, 2012, 20:34